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हिमालय में आएगा 9 तीव्रता वाला भूकंप, कूड़े के ढेर में बदल जाएंगे शहर… IIT रुड़की के प्रोफसर का दावा

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हिमालय में आएगा 9 तीव्रता वाला भूकंप, कूड़े के ढेर में बदल जाएंगे शहर… IIT रुड़की के प्रोफसर का दावा

ग्लोबल वॉर्मिंग से हिमालय की ग्लेशियर झीलों पर खतरा बढ़ रहा है. बढ़ती गर्मी के कारण ये झीलें साल दर साल पिघल रही हैं, जो देश के लिए एक गंभीर संकट कम नहीं है. लेकिन, इन सबके बीच IIT रुड़की के एक हेड प्रोफेसर एम एल शर्मा ने जो दावा किया है, वो और चौंकाने वाला है. उनके दावे के मुताबिक, हिमालय क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है. यह भूकंप 8 से 9 तीव्रता वाला होगा, जिससे बड़ी जनहानी होगी.

टीवी9 डिजिटल से विशेष बातचीत में IIT रुड़की के हेड प्रोफेसर एम एल शर्मा ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र में जल्दी ही आने वाले भूकंप से बड़ी जनहानी हो सकती है. भूकंप से होने वाली जनाहानी को कैसे रोका जा सकता है और या कैसे बचा जा सकता है, उसके लिए उन्होंने भूकंप वार्निंग सिस्टम तैयार किया है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि भूकंप कब और कितनी तीव्रता का आने वाला है.

45 सेकंड पहले ही भूकंप आने का संकेत देगा ये वॉर्निंग सिस्टम

प्रोफेसर एम एल शर्मा ने बताया कि भूकंप आने के 45 सेकंड पहले ही उनका ये वॉर्निंग सिस्टम अपने अलार्म से हम सबको चेता सकता है, ताकि सब लोग पहले से सतर्क हो जाएं और बिल्डिंगों को छोड़कर खाली मैदान तक पहुंच सकें. वहीं उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में प्राइमरी और सेकेंरी स्कूलों की बिल्डिंगें जर्जर हालत में हैं, जिनमें यह सिस्टम लगाना बहुत जरूरी है. अगर ये वॉर्निंग सिस्टम नहीं लगा तो इन स्कूलों में सात से आठ घंटे पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं आने वाले भूकंप की वजह से जनहानि का शिकार हो सकते हैं. इसी लिए हमें पहले ही सतर्क होने की जरूरत है.

नदी-नालों के बगल बनी बिल्डिंगों को होगा नुकसान

वहीं उन्होंने यह भी जिक्र किया कि नदी और नालों के बगल में बनी बिल्डिंगों को भारी नुकसान हो सकता है. प्रोफेसर एम एल शर्मा ने दावा किया कि हिमालय क्षेत्र में 8 से 9 तीव्रता वाला तेज भूकंप आ सकता है. भूकंप आने से पहले यह वॉर्निंग सिस्टम हॉस्पिटल और अलग-अलग जरूरी बिल्डिंगों में लगा देना चाहिए, ताकि भूकंप से होने वाले नुकसान से बचा जा सके. यदि यह सिस्टम समय रहते नहीं लगाया गया हिमाचल क्षेत्र में भारी तबाही देखने को मिल सकती है.

प्रोफेसर एम एल शर्मा ने बताया कि सारा हिमालय क्षेत्र सेंसिंग जोन चार और पांच में आता है, जो बड़ा ही भयानक जोन माना जाता है. 8 से 9 तीव्रता वाला भूकंप बड़ी तबाही ला सकता है, जिसमें घर और बिल्डिंगें टूट सकती हैं, जिससे बड़ी जनहानि हो सकती है.

News & PR Desk
Author: News & PR Desk

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