मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें 99 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे प्रमुख है। वह नागपुर पश्चिम सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसे वह 2009 से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नागपुर भाजपा का गढ़ माना जाता है और इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लोकसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करते हैं।
भाजपा की पहली सूची में कई बड़े नाम शामिल हैं। पार्टी के राज्य प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर जिले के कामठी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, मौजूदा राज्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार बल्लारपुर सीट से उम्मीदवार हैं। केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे संतोष दानवे को भोकरदन सीट से टिकट मिला है।
भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की बेटी श्रीजया चव्हाण को भोकर सीट से मैदान में उतारा है। अशोक चव्हाण ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और अब वह राज्यसभा सदस्य हैं।
मुंबई की प्रमुख सीटों पर भी भाजपा ने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। मुलुंड से मौजूदा विधायक मिहिर कोटेचा को फिर से टिकट दिया गया है, जबकि तीन बार के विधायक राम कदम घाटकोपर पश्चिम से पुनः चुनाव लड़ेंगे। भाजपा की मुंबई इकाई के प्रमुख आशीष शेलार वांद्रे पश्चिम से और राज्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल कोथरुड से उम्मीदवार हैं। आशीष शेलार के भाई को भी मलाड पश्चिम से टिकट मिला है। सुभाष देशमुख सोलापुर से और नितेश राणे, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं, कणकवली से चुनाव लड़ेंगे।
भाजपा की इस सूची में 13 महिलाएं, 6 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार और 4 अनुसूचित जाति के उम्मीदवार शामिल हैं।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने महाराष्ट्र में कई मौजूदा विधायकों को दोबारा मौका दिया है। आमतौर पर पार्टी सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए चुनावों में नए चेहरों को मौका देती है, लेकिन इस बार कई पुराने विधायकों पर भरोसा जताया गया है, जो यह संकेत देता है कि पार्टी को आगामी चुनाव में जीत का भरोसा है।
इस साल के लोकसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन को झटका लगा था, जब उन्हें महाराष्ट्र की 48 में से सिर्फ 17 सीटों पर जीत मिली। वहीं, महा विकास अघाड़ी गठबंधन, जिसमें शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं, ने 30 सीटों पर शानदार प्रदर्शन किया था।
2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद के चलते दोनों दल अलग हो गए थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जो बाद में एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते गिर गई। इस चुनाव में शिवसेना और एनसीपी के विभाजन ने महाराष्ट्र की राजनीति को और दिलचस्प बना दिया है।

Author: News Desk
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