[the_ad id="3137"]

राजस्थान के सांभर झील में फैली खतरनाक पक्षी बीमारी, प्रवासी पक्षियों पर खतरा

सुनने के लिए क्लिक करें 👇👇👇👇

[responsivevoice_button voice="Hindi Male"]

राजस्थान की प्रसिद्ध सांभर झील में पक्षियों में फैल रही एक खतरनाक बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। पक्षियों में एक प्रकार का पक्षाघात (पैरालिसिस) देखा जा रहा है, जो एवियन बोटुलिज़्म का स्पष्ट लक्षण है। इस बीमारी से प्रभावित पक्षी उड़ नहीं पा रहे हैं और न ही चल पा रहे हैं।

सांभर झील के किनारे पर एक शॉवलर पक्षी, रेत में लाचार बैठा नजर आया। थोड़ी दूर पर एक काले पंखों वाला स्टिल्ट पक्षी पानी पीते समय मुश्किल से खड़ा दिखा। पशुपालन निदेशक, डॉ. भवानी सिंह राठौड़ ने बताया कि “26 अक्टूबर को पक्षियों की असामान्य मौत की सूचना मिली। 2019 में भी सांभर झील में एवियन बोटुलिज़्म के कारण बड़े पैमाने पर पक्षियों की मौत हुई थी।”

डॉ. राठौड़ ने बताया कि प्रशासन ने तुरंत एक्शन लेते हुए एनजीओ, वन विभाग और जिला प्रशासन की मदद से मृत पक्षियों का निपटान शुरू कर दिया है। अब तक 160 से अधिक पक्षियों की मौत हो चुकी है और 20 से अधिक बीमार हैं। बीमार पक्षियों की देखभाल के लिए एक नर्सरी भी स्थापित की गई है।

2019 में, सांभर झील में इस बीमारी के कारण करीब 18,000 पक्षियों की मौत हुई थी। इस साल अभी तक शॉवलर, कूट और काले पंखों वाले स्टिल्ट जैसे पक्षियों में ही मौत के मामले सामने आए हैं, लेकिन आने वाले दिनों में प्रवासी पक्षियों, विशेषकर फ्लेमिंगो के लिए भी यह खतरा बढ़ सकता है।

एवियन बोटुलिज़्म एक न्यूरोमस्कुलर बीमारी है जो पक्षियों में लकवाग्रस्त कर देती है और वे उड़ने में असमर्थ हो जाते हैं। यह बीमारी बैक्टीरिया के कारण होती है, जो कम ऑक्सीजन वाले पानी में पनपता है। पक्षियों द्वारा इस बैक्टीरिया का सेवन करने पर वे इससे संक्रमित हो जाते हैं, और मृत पक्षियों के शवों से अन्य पक्षियों में भी इसका प्रसार होता है।

जैव विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी का संक्रमण झील के किनारों पर अधिक देखा जा रहा है, जहां पानी कम होता है। इस साल राजस्थान में हुई अच्छी बारिश के कारण झील का पानी फैला है, जिससे बैक्टीरिया का संक्रमण झील के किनारों तक पहुंच गया है।

सांभर झील का क्षेत्रफल लगभग 60 वर्ग किलोमीटर में फैला होने के कारण पूरे क्षेत्र की निगरानी करना चुनौतीपूर्ण है। इसलिए स्थानीय एनजीओ की मदद ली जा रही है।

प्रवासी पक्षी नवंबर के तीसरे सप्ताह से सांभर झील पहुंचना शुरू करते हैं, जिसमें 35 से अधिक प्रजातियों के पक्षी शामिल हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि तब तक इस संक्रमण को नियंत्रित कर लिया जाएगा।

News Desk
Author: News Desk

हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com

Leave a Comment

Read More

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश फिनटेक और बैंकिंग एजुकेशन में निभाएगी अहम रोल, इंडस्ट्री कोलैबोरेशन से स्टूडेंट्स को मिलेगा प्रैक्टिकल लर्निंग का फायदाः अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट, टीसीएस

[the_ad_group id="27"]
[ays_poll id=1]

Read More

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश फिनटेक और बैंकिंग एजुकेशन में निभाएगी अहम रोल, इंडस्ट्री कोलैबोरेशन से स्टूडेंट्स को मिलेगा प्रैक्टिकल लर्निंग का फायदाः अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट, टीसीएस