नई दिल्ली: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और विवादास्पद हथियार डीलर अभिषेक वर्मा को 2009 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन के लेटरहेड की कथित जालसाजी के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को बरी कर दिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोनों आरोपियों को इस आधार पर बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष मामला संदेह से परे साबित करने में असफल रहा।
वर्मा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने बताया कि सीबीआई ने अजय माकन की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। माकन ने आरोप लगाया था कि वर्मा ने 2009 में उनके लेटरहेड पर कथित तौर पर एक जाली पत्र बनाकर तत्कालीन प्रधानमंत्री को भेजा था, जिसमें व्यापार वीजा नियमों में ढील देने का अनुरोध किया गया था।
सीबीआई ने आरोप पत्र में कहा था कि यह जालसाजी वर्मा और टाइटलर की मिलीभगत से की गई थी, और यह पत्र चीन की एक टेलीकॉम कंपनी को भारत में वीजा विस्तार का गलत आश्वासन देने के लिए तैयार किया गया था।
सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि वर्मा ने कंपनी से एक मिलियन डॉलर की मांग की थी लेकिन यह राशि हस्तांतरित नहीं हुई। माकन की शिकायत पर सीबीआई ने वर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 469 के तहत मामला दर्ज किया था, जो किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी से संबंधित है।

Author: News Desk
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