दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट खोरासन प्रोविंस (ISKP) का समर्थन करने के मामले में दोषी दो महिलाओं की सजा कम कर दी है। अदालत ने कहा कि भले ही एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गोपनीयता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करते हैं, लेकिन आतंकवादियों और प्रतिबंधित संगठनों द्वारा इनका दुरुपयोग अदालतों द्वारा सजा सुनाते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए।
महिलाओं की सजा में हुई कमी
हिना बशीर बेग और सादिया अनवर शेख की सजा को कोर्ट ने घटाया। बेग की सजा आठ साल से घटाकर छह साल और शेख की सजा सात साल से घटाकर छह साल कर दी गई।
अदालत ने इन महिलाओं की आतंकवादी संगठन के साथ सक्रिय भागीदारी, फर्जी पहचान का उपयोग और उनके शैक्षिक स्तर का उपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए किए जाने को ध्यान में रखा। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और अमित शर्मा की पीठ ने कहा कि हिना बशीर बेग, जो दोषी जहांज़ैब सामी की पत्नी हैं, ने अपने पति को अपने लैपटॉप का उपयोग करने की अनुमति दी और दोनों ने एक-दूसरे के फोन का भी इस्तेमाल किया।
सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर अदालत की सख्त टिप्पणी
अदालत ने कहा, “इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपराध के फैलाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। अपीलकर्ताओं (बेग और शेख) ने अपनी असली पहचान छिपाने और ट्रेसिंग से बचने के लिए फर्जी पहचान का उपयोग किया। उन्होंने तकनीकी ज्ञान और अपने शैक्षिक स्तर का उपयोग कर आतंकवाद को बढ़ावा देने और हिंसा भड़काने का काम किया।”
निर्दोष और जानबूझकर दोषियों के बीच अंतर
कोर्ट ने आगे कहा कि इस प्रकार के मामलों को उन मामलों से अलग तरीके से निपटाया जाना चाहिए, जिनमें निर्दोष व्यक्तियों को अनजाने में अपराध में घसीटा गया हो। अदालत ने सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से अपराध फैलाने के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की और इसे सजा तय करते समय गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर बल दिया।

Author: News Desk
हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com