मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य में पिछले साल से जारी जातीय संघर्षों के कारण हुए दुर्भाग्यपूर्ण हालात के लिए माफी मांगी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि 2025 तक राज्य में शांति बहाल होगी।
“इस पूरे साल के हालात बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहे। मैं राज्य की जनता से माफी मांगता हूं कि 3 मई से अब तक जो भी हुआ, उसके लिए। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया, कई लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े। मुझे इसका बहुत खेद है। लेकिन अब, पिछले तीन-चार महीनों में शांति की ओर हुए प्रगति को देखकर, मुझे विश्वास है कि 2025 तक मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी,” मुख्यमंत्री ने कहा।
उन्होंने सभी समुदायों से अपील करते हुए कहा, “जो कुछ भी हुआ, वह बीत चुका है। हमें अतीत की गलतियों को भूलकर और माफ करके एक नई शुरुआत करनी होगी। एक शांतिपूर्ण और समृद्ध मणिपुर की ओर आगे बढ़ना होगा।”
उन्होंने राज्य के सभी 35 जनजातियों से साथ मिलकर सद्भाव और शांति से रहने का आह्वान किया।
जातीय हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। यह हिंसा तब शुरू हुई जब मेइती समुदाय ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा मांगा, जिसका आदिवासी कूकी समुदाय ने विरोध किया।
राज्य की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है, जो मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नागा और कूकी जैसे आदिवासी, जो राज्य की 40 प्रतिशत आबादी का हिस्सा हैं, मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों में निवास करते हैं।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस संघर्ष के बाद राज्य में शांति और सामंजस्य बहाल करने का संकल्प दोहराते हुए एकता और सद्भाव का संदेश दिया है।
Author: News Desk
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