टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने खुलासा किया है कि 2007 टी20 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा होने और अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के फैसले के कारण टीम से बाहर कर दिया गया था।
2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले इरफान अपनी स्विंग गेंदबाजी और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए मशहूर थे। 2007 के ऐतिहासिक टी20 वर्ल्ड कप खिताब के बाद भी वह टीम के लिए मैच जीतते रहे, लेकिन 2009 में न्यूजीलैंड दौरे पर उनका करियर मोड़ पर आ गया।
पठान ने बताया कि श्रीलंका के खिलाफ एक मैच में उन्होंने और उनके भाई यूसुफ पठान ने 27-28 गेंदों में 60 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई थी। इसके बावजूद न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें लगातार चार वनडे मैचों में बाहर बैठाया गया और केवल दो टी20 मैच ही खेलने का मौका मिला।
जब इरफान ने उस समय के कोच गैरी कर्स्टन से कारण पूछा, तो कर्स्टन ने कहा, *“कुछ चीजें मेरे हाथ में नहीं हैं।”* इरफान के अनुसार, इसका मतलब साफ था कि अंतिम एकादश का फैसला कप्तान करता है, और उस समय कप्तान धोनी थे।
कर्स्टन ने दूसरा कारण यह बताया कि टीम नंबर 7 पर एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर चाहती थी, जबकि इरफान एक गेंदबाजी ऑलराउंडर थे। उन्होंने कहा, *“मेरे भाई यूसुफ बल्लेबाजी ऑलराउंडर थे और मैं गेंदबाजी ऑलराउंडर। दोनों अलग थे, लेकिन टीम में सिर्फ एक की जगह थी। आज के समय में तो लोग खुशी-खुशी दोनों को शामिल करते।”*
Author: News Desk
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