दिल्ली में हुए दर्दनाक BMW हादसे की मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर ने पुलिस पूछताछ में दावा किया है कि उन्हें “पता ही नहीं चला” कि यह दुर्घटना कैसे हो गई। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हुईं।
पुलिस के अनुसार, कौर अपनी X5 SUV चला रही थीं, तभी गाड़ी मोटरसाइकिल से टकरा गई। दुर्घटना के बाद कौर ने नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को जीटीबी नगर स्थित अस्पताल ले जाया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि कोविड उपचार के दौरान वे उसी अस्पताल में भर्ती रही थीं, इसलिए अचानक घबराहट में वही नाम याद आया। कार में उस समय उनका पति और बेटी भी थे, जिन्हें चोटें आईं।
गगनप्रीत कौर को पुलिस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने, गैर-इरादतन हत्या और सबूत मिटाने जैसे आरोपों में गिरफ्तार किया है। सबूतों से छेड़छाड़ का शक इसलिए गहराया क्योंकि अस्पताल का मालिकाना हक कौर के पिता से जुड़ा बताया जा रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कही, लेकिन परिवारिक संबंधों की पुष्टि नहीं की।
एडिशनल डीसीपी (दक्षिण-पश्चिम दिल्ली) अभिमन्यु प्रसाद ने बताया कि कौर को मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया जाएगा। उनका ब्लड अल्कोहल लेवल जानने के लिए टॉक्सिकोलॉजी रिपोर्ट का इंतजार है।
उन्होंने कहा, “अगर सबूतों से छेड़छाड़ की बात है, तो उन्हें पुलिस को सूचित करना चाहिए था और घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए था।” पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे ताकि तेज रफ्तार के आरोपों की जांच हो सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, BMW पहले डिवाइडर से टकराई और फिर बाइक से भिड़ी। घटना के बाद सामने आए वीडियो में गगनप्रीत कौर को BMW के मलबे से बाहर निकाला जाता देखा गया, वहीं बाइक और नवजोत सिंह का शव पास पड़ा मिला।
इसके बाद गगनप्रीत कौर और उनके पति परिक्षित मक्कड़ ने चश्मदीद गुलफाम की मदद से नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को टैक्सी से अस्पताल भेजा। लेकिन उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाने के बजाय लगभग 20 किलोमीटर दूर जीटीबी नगर पहुंचाया गया।
दुर्भाग्य से नवजोत सिंह को समय पर इलाज नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी का इलाज जारी है। नवजोत सिंह के बेटे नवनूर ने NDTV से कहा, “अगर पापा को पास के अस्पताल ले जाया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी। हादसे के बाद हर सेकंड कीमती होता है।”
गगनप्रीत कौर और उनके पति गुरुग्राम के सेक्टर-37 में एक फैक्ट्री चलाते हैं, जहां नॉन-लेदर परिधान और घोड़ों के लिए हार्नेस बनाए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस फैक्ट्री का कारोबार 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
Author: News Desk
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