जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में आतंकियों को लॉजिस्टिक मदद उपलब्ध कराई थी। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी का नाम मोहम्मद कटारिया है।
कटारिया की गिरफ्तारी जुलाई में हुए ऑपरेशन महादेव के बाद बरामद हथियारों और उपकरणों की फॉरेंसिक जांच के आधार पर हुई। इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने बaisaran वैली, जो पहलगाम का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, पर 26 निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले दो आतंकियों को मार गिराया था। अब कटारिया को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
यह गिरफ्तारी ऑपरेशन महादेव के बाद सुरक्षा बलों की पहली बड़ी सफलता मानी जा रही है। केंद्र सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि पहलगाम हमले में शामिल हर एक आरोपी को ढूंढकर सज़ा दी जाएगी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक धड़े ने ली थी।
ऑपरेशन महादेव: आतंकियों का खात्मा
22 मई को आतंकियों के श्रीनगर के दाचीगाम इलाके में छिपे होने की सूचना सुरक्षा बलों को मिली। कई हफ्तों तक निगरानी के बाद, जब उनके चीन निर्मित एन्क्रिप्टेड संचार उपकरण इंटरसेप्ट हुए, तब 28 जुलाई को कार्रवाई शुरू की गई।
सुबह 8 बजे ड्रोन से उनकी मौजूदगी की पुष्टि हुई। 9:30 बजे राष्ट्रीय राइफल्स और स्पेशल फोर्स के कमांडो ज़मीन पर उतरे। 11 बजे फायरिंग शुरू हुई और दोपहर 12:45 बजे तक सभी तीन आतंकी मारे गए। इनमें मुख्य मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा भी शामिल था। शाह पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप का पूर्व कमांडो था और बाद में हाफिज़ सईद के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया था।
उस पर जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। वह सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ कर चुका था और कई हमलों में शामिल रहा, जिनमें अक्टूबर 2024 का हमला भी शामिल है जिसमें सात नागरिक मारे गए थे।
हथियारों से मिला सुराग
आतंकियों के ठिकाने से एके-47 और एम9 राइफल सहित कई हथियार और भारी मात्रा में गोलाबारूद बरामद हुए। इन हथियारों की जांच चंडीगढ़ की प्रयोगशाला में कराई गई, जहां पुष्टि हुई कि इन्हीं हथियारों से पहलगाम हमले को अंजाम दिया गया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया कि फायरिंग के दौरान प्राप्त खोखे और पहलगाम हमले की घटनास्थल से मिले खोखे मेल खाते हैं।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल का पहलगाम हमला पिछले दो दशकों का सबसे घातक आतंकी हमला था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। आतंकियों ने गोली मारने से पहले पीड़ितों से उनके धर्म के बारे में भी पूछा था।
इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर कूटनीतिक संकट पैदा हुआ। भारत सरकार ने पाकिस्तान पर आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए इंडस वाटर्स ट्रीटी को निलंबित कर दिया। इसके बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
100 घंटे तक दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात बने रहे। पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली ध्वस्त होने के बाद उसने युद्धविराम की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब कहा था कि भारत अब आतंकवादी हमलों का जवाब और भी कठोर नीति से देगा।
Author: News Desk
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