राजस्थान में खेलों का इतिहास उतना ही पुराना है जितना इसका सांस्कृतिक वैभव। पारंपरिक खेलों से लेकर आधुनिक खेलों तक, यहाँ की युवा पीढ़ी अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।
राज्य में कबड्डी, खो-खो, कुश्ती और ऊँट दौड़ जैसे पारंपरिक खेल सदियों से खेले जाते रहे हैं। अब इनकी जगह क्रिकेट, हॉकी, एथलेटिक्स, फुटबॉल और शूटिंग जैसे खेलों ने भी अपना स्थान बना लिया है। राजस्थान रॉयल्स टीम ने IPL में राज्य की पहचान को नई ऊँचाई दी।
राज्य सरकार ने राजस्थान खेल नीति 2022 के माध्यम से खेलों के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसके अंतर्गत “राजीव गांधी ग्रामीण खेल अभियान”, “खेल नर्सरी योजना” और “युवा खेल अकादमियाँ” चलाई जा रही हैं। जयपुर और उदयपुर में आधुनिक स्टेडियम और प्रशिक्षण केंद्र बनाए गए हैं, जहाँ खिलाड़ियों को प्रोफेशनल कोचिंग दी जाती है।
खेलों के माध्यम से युवाओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है। कई युवा आज खेलों को करियर के रूप में अपनाकर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। ओलंपिक और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में राजस्थान के खिलाड़ियों ने स्वर्णिम प्रदर्शन किया है।
महिला खिलाड़ियों के लिए भी विशेष सुविधाएँ और छात्रवृत्तियाँ दी जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदानों का निर्माण कर नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
खेल केवल मनोरंजन नहीं बल्कि युवा सशक्तिकरण का प्रभावी माध्यम हैं। यदि इन योजनाओं को निरंतर समर्थन मिलता रहा, तो राजस्थान आने वाले वर्षों में खेल क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन सकता है।
Author: News Desk
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