केरल में ‘ब्रेन-ईटिंग अमीबा’ यानी नेगलेरिया फॉवलेरी (Naegleria fowleri) के संक्रमण से अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। इस साल राज्य में प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) के 61 मामले दर्ज किए गए हैं। यह संक्रमण दुर्लभ है लेकिन इसका मृत्यु दर बेहद अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि यह संक्रमण अब केवल एक-दो जिलों तक सीमित नहीं है, बल्कि अलग-अलग इलाकों में छिटपुट रूप से सामने आ रहा है। मरीजों की उम्र 3 महीने के शिशु से लेकर 91 साल तक है। मंत्री ने कहा कि यह स्थिति महामारी विज्ञान की जांच को और चुनौतीपूर्ण बना रही है।
PAM क्या है और कैसे फैलता है?
सरकारी दस्तावेज़ों के अनुसार PAM मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है। यह संक्रमण मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिससे गंभीर सूजन और अंततः मृत्यु हो जाती है।
-
यह रोग गर्म, ठहरे हुए मीठे पानी (तालाब, झील आदि) से फैलता है।
-
अमीबा नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और सीधे मस्तिष्क तक पहुँच जाता है।
-
दूषित पानी पीने से यह बीमारी नहीं होती।
-
यह संक्रमण व्यक्ति से व्यक्ति नहीं फैलता।
वैज्ञानिकों के अनुसार जलवायु परिवर्तन और बढ़ते तापमान के कारण इस बीमारी का खतरा और बढ़ रहा है, क्योंकि गर्मी में लोग अधिक तैराकी और जलक्रीड़ाओं में हिस्सा लेते हैं।
लक्षण क्या हैं?
PAM के लक्षण बैक्टीरियल मेनिन्जाइटिस जैसे होते हैं, जिससे इसकी पहचान मुश्किल हो जाती है।
-
तेज सिरदर्द
-
बुखार
-
जी मिचलाना और उल्टी
-
कुछ ही घंटों से लेकर 1-2 दिनों में तेज़ी से बिगड़ती हालत
संक्रमण के एक से नौ दिन बाद लक्षण दिखाई देते हैं। बीमारी बहुत तेजी से बढ़ती है और अक्सर जानलेवा साबित होती है।
इलाज और बचाव
पिछले 60 सालों में PAM से बचे हुए लगभग सभी मरीजों का बहुत शुरुआती चरण में निदान हुआ था।
-
शुरुआती पहचान और तुरंत दवाओं का संयोजन ही जान बचा सकता है।
-
अभी तक कोई निश्चित इलाज तय नहीं है, लेकिन ऐसे एंटी-अमीबिक दवाओं पर जोर दिया जा रहा है जो ब्लड-ब्रेन बैरियर को पार कर सकें।
क्या करें और क्या न करें?
-
ठहरे हुए या बिना शुद्ध किए मीठे पानी (तालाब, झील) में तैराकी और स्नान से बचें।
-
तैरते समय नाक क्लिप का इस्तेमाल करें।
-
कुओं और पानी की टंकियों की सफाई और क्लोरीनीकरण नियमित रूप से करें।
-
अगर तैराकी या नहाने के बाद सिरदर्द, बुखार या उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
केरल में मामलों की स्थिति
-
2016 से 2023 तक कुल 8 मामले सामने आए।
-
2023 में 36 मामले और 9 मौतें दर्ज की गईं।
-
2024 (इस साल) में अब तक 61 मामले और 19 मौतें हो चुकी हैं।
राज्य स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के साथ मिलकर पानी के सैंपल इकट्ठा कर संभावित स्रोतों की जांच कर रहा है।
Author: News Desk
हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com