नई दिल्ली:
दिल्ली के लाल क़िला के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा मोड़ आया है। जांच एजेंसियों ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। ये वही यूनिवर्सिटी है जो हाल ही में चर्चा में आई थी, जब इसके कुछ डॉक्टरों का नाम आतंकी गतिविधियों से जुड़ा पाया गया था। इस घटना में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने औपचारिक रूप से जांच अपने हाथ में ले ली है।
धमाका रविवार को लाल क़िला के पास हुआ था, जिसमें नौ लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि यह विस्फोट किसी आत्मघाती हमले या घबराहट में सक्रिय हुए अधूरे IED के कारण हुआ।
आज सुबह दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पहुंची, जहाँ उन्होंने सीसीटीवी फुटेज खंगाली और कर्मचारियों से पूछताछ की। जांच के दौरान तीन डॉक्टरों — मुज़म्मिल शकील, उमर मोहम्मद, और शाहीन शाहिद — के नाम सामने आए। इनमें से मुज़म्मिल और उमर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, जबकि शाहीन लखनऊ की हैं। तीनों यूनिवर्सिटी से जुड़े अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर के रूप में कार्यरत थे।
जांच में खुलासा हुआ कि मुज़म्मिल शकील ने फरीदाबाद में दो कमरे किराए पर ले रखे थे, जहाँ से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और संदिग्ध सामान बरामद किया गया। यहीं से जांच एजेंसियों को एक असॉल्ट राइफल और गोला-बारूद भी मिले, जो शाहीन शाहिद की कार से बरामद हुए।
सूत्रों के अनुसार, शाहीन शाहिद को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के महिला विंग जमात उल-मोमिनात की भारतीय इकाई शुरू करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस विंग की अगुवाई जैश संस्थापक मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर कर रही हैं।
इन खुलासों के बाद, रविवार को लाल क़िला के पास हुआ धमाका और फरीदाबाद से बरामद हुए विस्फोटकों के बीच कड़ी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। जांचकर्ताओं का मानना है कि उमर मोहम्मद वही व्यक्ति था जो ह्यूंदै i20 कार चला रहा था, जिसमें विस्फोट हुआ। एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या मुज़म्मिल की गिरफ्तारी और विस्फोटकों की बरामदगी के बाद उमर ने आत्मघाती हमले का रास्ता अपनाया।
NIA अब इस पूरे नेटवर्क की जाँच करेगी — जिसमें फरीदाबाद, दिल्ली और कश्मीर के बीच फैले आतंकी संपर्कों की पड़ताल की जाएगी। एजेंसियां यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि यह साजिश कितनी व्यापक थी और क्या देश के अन्य शहरों को भी निशाना बनाया जाना था।
Author: News Desk
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