राजस्थान में सेना के जवान रामस्वरूप कस्वां की मौत को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में तैनात रामस्वरूप कस्वां, बीकानेर जिले के नोखा तहसील के पांचू गांव के निवासी थे। उनके सिर में गोली लगने के बाद उन्हें सेना के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वे बच नहीं सके और उनकी मौत हो गई।
मामला तब विवादित हो गया जब जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बिना किसी जांच के कस्वां की मौत को आत्महत्या बताया। शहीद के परिवार, जिसमें सीताराम और पप्पू सियाग शामिल हैं, ने इस दावे को खारिज कर दिया और सच्चाई सामने लाने के लिए उचित जांच की मांग की। सेना के अधिकारियों का भी कहना है कि इस पर कोई अंतिम निर्णय केवल कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद ही लिया जा सकता है।
जब रामस्वरूप कस्वां का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा था, तब बड़ी संख्या में उनके परिवार और समाज के लोग एकत्र हो गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ताबूत को निर्धारित समय से पहले ही भेज दिया गया था और शहीद की मौत को आत्महत्या कहे जाने पर आपत्ति जताई। बढ़ते विरोध के चलते सेना को ताबूत को अस्थायी रूप से वापस ले जाना पड़ा।
रामस्वरूप कस्वां की शादी पिछले साल मई 2023 में हुई थी। उनकी मौत से कुछ समय पहले ही उन्होंने अपने परिवार से बात की थी। उनकी मौत पर जाट नेता और सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी आपत्ति जताई है और रक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि शहीद के परिवार को सभी सरकारी लाभ दिए जाएं और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
शहीद के परिवार का कहना है कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।
पायल, राजस्थान टीवी के समाचार लेखक हैं, जो राज्य के ताजे और महत्वपूर्ण समाचारों को सटीक और संक्षिप्त तरीके से प्रस्तुत करते हैं। 2 वर्षों का अनुभव है और राजनीति, समाज और स्थानीय घटनाओं पर गहरी रिपोर्टिंग करते हैं। यदि आपको किसी लेख में कोई समस्या या सुझाव हो, तो कृपया हमें RajasthantvOfficial@gmail.com पर संपर्क करें।
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