नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तेज कर दी है। पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है, जिसमें तीन नेता कांग्रेस और तीन बीजेपी से हाल ही में शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी कांग्रेस के मजबूत नेताओं को अपने खेमे में लाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
AAP के इस कदम को कांग्रेस की दिल्ली में पुनरुत्थान की कोशिशों को रोकने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। यह तब हो रहा है जब राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के तहत AAP और कांग्रेस साथ आए हैं, लेकिन राज्यों में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई। हाल ही में हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार इसका ताजा उदाहरण है।
अरविंद केजरीवाल की रणनीति
AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद इस चुनाव अभियान की कमान संभालेंगे। सूत्रों के अनुसार, वह पार्टी के हर कदम को बारीकी से देखेंगे और चुनावी रणनीति को ‘माइक्रो-मैनेज’ करेंगे।
पार्टी ने अपनी पहली सूची में मौजूदा तीन विधायकों को हटा दिया है। मटियाला से गुलाब सिंह, किराड़ी से रितु राज झा, और सीलमपुर से अब्दुल रहमान की जगह कांग्रेस से सुमेश शौकीन, बीजेपी से अनिल झा, और कांग्रेस से जुबैर चौधरी को टिकट दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि AAP हर सीट पर मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है और एंटी-इन्कंबेंसी फैक्टर से निपटने के लिए नए चेहरों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। इसके लिए सर्वेक्षण टीमें तैनात की गई हैं जो फीडबैक लेकर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रही हैं।
‘धर्मयुद्ध’ का ऐलान
पिछले हफ्ते केजरीवाल ने दिल्ली चुनाव को ‘धर्मयुद्ध’ करार दिया। उन्होंने इसे महाभारत के युद्ध से तुलना करते हुए कहा, “उनके (बीजेपी) पास धन और ताकत है, जैसे कौरवों के पास था, लेकिन हमारे साथ भगवान और जनता हैं, जैसे पांडवों के साथ थे।”
चुनौतीपूर्ण चुनावी मैदान
AAP को 2025 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है। विपक्षी दलों ने दिल्ली में वायु प्रदूषण, यमुना नदी की खराब स्थिति, और आधारभूत संरचना को लेकर पार्टी की आलोचना की है।
बीजेपी ने मुख्यमंत्री आवास पर 45 करोड़ रुपये के कथित खर्च को लेकर भी AAP पर निशाना साधा है। इसे ‘शीशमहल’ विवाद करार दिया गया है। इस मुद्दे पर बीजेपी ने आज सिविल लाइन्स स्थित सीएम आवास के बाहर प्रदर्शन किया, जिसका नेतृत्व हाल ही में AAP छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए कैलाश गहलोत ने किया।
इसके अलावा, शराब नीति घोटाले के आरोपों ने AAP को और कमजोर किया है। इस मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह गिरफ्तार हो चुके हैं।
AAP ने हालांकि जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बिजली और पानी के बिल माफ करने जैसे वादे दोहराए हैं। देखना होगा कि यह रणनीति 2025 के चुनावी रण में पार्टी के लिए कितनी कारगर साबित होती है।
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