त्रिपुरा में वीज़ा और कांसुलर कार्यालय बंद करने के कुछ घंटों बाद, बांग्लादेश ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। दोनों देशों के बीच हिंदू अल्पसंख्यकों पर हिंसा को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। प्रणय वर्मा स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे ढाका के विदेश मंत्रालय कार्यालय पहुंचे।
बांग्लादेश ने क्या कहा?
बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, “कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज़ हमीदुल्ला ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया।” इससे पहले, त्रिपुरा में बांग्लादेश के उच्चायोग कार्यालय की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया,
“सुरक्षा स्थिति को देखते हुए, त्रिपुरा के अगरतला स्थित बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में वीज़ा और कांसुलर सेवाएं अगली सूचना तक निलंबित रहेंगी। यह तुरंत प्रभाव से लागू होता है।”
क्यों बढ़ा विवाद?
त्रिपुरा में हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में करीब 50 लोगों ने अगरतला में बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी बांग्लादेश सहायक उच्चायोग के परिसर में घुस गए।
इस घटना पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ढाका ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने में सक्रिय नहीं थी।
बांग्लादेश ने इसे मिशन स्टाफ के लिए “गंभीर असुरक्षा की भावना” का कारण बताया और नई दिल्ली से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना को “गंभीर रूप से खेदजनक” बताया। मंत्रालय ने कहा,
“किसी भी स्थिति में राजनयिक और कांसुलर संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए। सरकार ने बांग्लादेश उच्चायोग और देश में उनके अन्य सहायक उच्चायोगों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।”
अगरतला में बांग्लादेश मिशन के आसपास पुलिस की संख्या बढ़ा दी गई है।
उच्चायुक्त का बयान
बैठक के बाद, भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने कहा,
“हमारे संबंध बहुआयामी और व्यापक हैं। इसे किसी एक मुद्दे तक सीमित नहीं किया जा सकता। हम दोनों देशों के बीच स्थिर, सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाए रखना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा,
“व्यापार, बिजली आपूर्ति और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जैसे कई क्षेत्रों में हमारे संबंधों में हाल ही में सकारात्मक प्रगति हुई है। हम दोनों देशों के लोगों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।”
हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले
भारत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों और मंदिरों में तोड़फोड़ को गंभीरता से उठाया है। भारत ने बांग्लादेश में पुजारियों की गिरफ्तारी और अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है।
भारत ने स्पष्ट किया है कि वह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ मिलकर शांति, सुरक्षा और विकास के साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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