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Donald Trump birthday wish PM Modi phone call-‘मेरे दोस्त नरेंद्र…’: पीएम मोदी को डोनाल्ड ट्रंप की आधी रात की बर्थडे कॉल का मतलब क्या है?

Donald Trump birthday wish PM Modi phone call

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर आधी रात फोन कर बधाई दी। सतही तौर पर यह सिर्फ शुभकामना कॉल लग सकता है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह बातचीत भारत-अमेरिका संबंधों में आई ठंडक को पिघलाने की कोशिश थी।

बीते महीनों में दोनों देशों के रिश्ते कई मुद्दों पर उलझे रहे — 50% टैरिफ विवाद, अटकी हुई ट्रेड डील, और रूस से तेल खरीद को लेकर अमेरिका की नाराज़गी। ट्रंप ने यहां तक कह दिया था कि भारतीय अर्थव्यवस्था “मरी हुई” है। ऐसे में उनका यह कॉल कूटनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है।

सोशल मीडिया पर ‘रेस’

फोन कॉल से ज्यादा चर्चा उसके बाद आए सोशल मीडिया पोस्ट्स की रही। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप से 37 मिनट पहले पोस्ट कर दिया। ट्रंप, जो हमेशा “पहली चाल” के महत्व को समझते हैं, इससे खिन्न दिखे और उन्होंने पहली बार मोदी को उनके नाम से “नरेंद्र” कहकर संबोधित किया। गौरतलब है कि अब तक ट्रंप सिर्फ रूस के व्लादिमीर पुतिन और इज़राइल के बेंजामिन नेतन्याहू जैसे नेताओं को पहले नाम से पुकारते रहे हैं।

मोदी ने इसके विपरीत पोस्ट में ट्रंप को “President” कहकर ही संबोधित किया और उन्हें “friend” भी नहीं कहा, जैसा वे पहले करते थे। इस बदलाव ने भी राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े किए।

यूक्रेन संदर्भ

कॉल में यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठा। मोदी ने ट्रंप के प्रयासों का समर्थन किया, लेकिन कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं दी। अमेरिका पहले भी भारत पर रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदकर युद्ध को अप्रत्यक्ष सहारा देने का आरोप लगा चुका है। माना जा रहा है कि मोदी का यह बयान ट्रंप को संतुष्ट करने की कोशिश थी, बिना किसी वास्तविक वचनबद्धता के।

व्यापार वार्ता को नई ऊर्जा

यह कॉल ठप पड़ी भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता के लिए भी नई ऊर्जा का संकेत है। दिल्ली अमेरिकी कृषि और डेयरी उत्पादों के लिए बाज़ार खोलने को तैयार नहीं है, क्योंकि यह किसानों और पशुपालकों के हितों पर चोट करेगा। फिर भी हाल ही में हुई छठे दौर की वार्ता को सकारात्मक बताया गया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि नवंबर तक कुछ शुरुआती समझौते सामने आ सकते हैं।

जून की कॉल का साया

यह सब उस जून की फोन कॉल की पृष्ठभूमि में हुआ, जब मोदी ने ट्रंप के पाकिस्तान-आधारित संघर्षविराम दावों और कश्मीर पर बयानबाज़ी को सख्ती से खारिज कर दिया था। उसके बाद मोदी ने ट्रंप के कई कॉल्स का जवाब नहीं दिया और चीन व रूस के साथ रिश्ते मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया। यही अमेरिका के लिए चिंता का विषय बना और शायद इसी ने ट्रंप को “आउटरीच” करने पर मजबूर किया।

6 सितंबर को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह हमेशा मोदी के “दोस्त” रहेंगे, और मोदी ने भी सकारात्मक जवाब दिया। अब जन्मदिन की रात हुई यह कॉल संकेत देती है कि भारत-अमेरिका रिश्ते पटरी पर लौटने की कोशिश में हैं।

News Desk
Author: News Desk

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