राजस्थान, जिसे उसकी शाही विरासत, रेगिस्तान और किलों के लिए जाना जाता है, अब इको-टूरिज्म (Eco Tourism) के क्षेत्र में भी तेजी से उभर रहा है। राज्य सरकार और पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गई नई योजनाओं के तहत अब पर्यटन को सिर्फ मनोरंजन तक सीमित न रखकर, प्रकृति संरक्षण, स्थानीय संस्कृति और ग्रामीण विकास से भी जोड़ा जा रहा है।
राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला, सरिस्का टाइगर रिज़र्व, रणथंभौर नेशनल पार्क, और माउंट आबू वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी जैसी जगहें इको-टूरिज्म के लिए उपयुक्त मानी जा रही हैं। यहां पर्यटकों को न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव होता है, बल्कि वे स्थानीय लोगों के जीवन, पारंपरिक भोजन, लोक कला और हस्तशिल्प से भी रूबरू होते हैं। यह मॉडल पर्यावरण की रक्षा करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है।
राजस्थान सरकार ने हाल के वर्षों में कई इको-फ्रेंडली प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं — जैसे कि इको-हट्स, सोलर लाइटिंग, वर्षा जल संचयन, और कचरा प्रबंधन प्रणाली। इससे पर्यटन स्थलों का प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिल रही है। साथ ही, स्थानीय युवाओं को गाइड, होमस्टे ऑपरेटर और क्राफ्ट ट्रेनर के रूप में रोजगार भी मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
पर्यटकों में भी अब “सस्टेनेबल ट्रैवलिंग” का रुझान बढ़ रहा है, और वे ऐसी जगहों को प्राथमिकता दे रहे हैं जहां प्रकृति को नुकसान न पहुंचे। इसी कारण से राजस्थान में रural eco-camps, जंगल ट्रेल्स, और बर्ड वॉचिंग टूरिज्म की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
भविष्य में, यदि इन इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट्स का विस्तार योजनाबद्ध तरीके से किया गया, तो यह राजस्थान के लिए सस्टेनेबल डेवलपमेंट का मार्ग प्रशस्त करेगा। इससे न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि राज्य का पर्यटन उद्योग भी एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
Author: News Desk
हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com








