जयपुर । राजस्थान के जयपुर जिले के शाहपुरा निवासी 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र Rahul Ghosalya को 8 अक्टूबर को कज़ाख़स्तान की राजधानी अस्ताना (नूर-सुल्तान) में ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्काघात) हुआ था।
उनका नामांकन 2021 में कज़ाख़स्तान के एक मेडिकल कॉलेज में हुआ था।
– राहुल गुढ़ाल्या को 8 अक्टूबर को मस्तिष्काघात हुआ और इसके बाद वे कज़ाख़स्तान में एक अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।
– उनकी हालत गंभीर थी, जिसके कारण परिवार ने सोशल मीडिया और विभिन्न संस्थाओं की सहायता लेकर भारत लाने का प्रयास किया।
– सोमवार शाम को उन्हें एयर एंबुलेंस द्वारा जयपुर लाया गया और वहाँ Sawai Mansingh Hospital (SMS अस्पताल) में भर्ती कराया गया।
जयपुर में इलाज एवं व्यवस्था
– अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में राहुल को विशेष देखरेख में रखा गया है।
– एसएमएस अस्पताल के प्राचार्य Dr Deepak Maheshwari की अगुवाई में चार सदस्यीय चिकित्सा पैनल गठित किया गया है जो उनकी देखभाल कर रहा है।
– एयरपोर्ट से अस्पताल तक एक समर्पित क्रिटिकल केअर एंबुलेंस व टीम मौजूद थी, जिससे उन्हें तुरंत अस्पताल स्थानांतरित किया गया।
पारिवारिक एवं सामाजिक पहल
राहुल के परिवार ने अपने बेटे की भारत वापसी के लिए केंद्र व राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी, साथ ही कई सामाजिक संस्थाओं ने भी इस प्रयास में समर्थन दिया।
यह मामला क्या दर्शाता है?
– विदेश में अध्ययनरत छात्र के अचानक गंभीर स्वास्थ्य संकट में फँस जाना और तत्परता से उनकी भारत में वायु मार्ग द्वारा वापसी होना, दोनों ही महत्वपूर्ण पहलू हैं।
– इस तरह की स्थिति में समय-प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाओं का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध होना और सरकार-सहायता की भूमिका काफी अहम बन जाती है।
– राजस्थान-आधारित छात्रों के लिये यह एक चेतावनी है कि विदेश में अध्ययन के दौरान स्वास्थ्य बीमा, स्थानीय अस्पतालों की स्थिति तथा आपातकालीन योजनाओं की जानकारी पहले से होना जरूरी है।
आगे की क्या चुनौतियाँ हैं?
– ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में समय बहुत अहम होता है — जब मरीज तुरंत चिकित्सा सुविधा तक नहीं पहुँच पाता, तो जटिलताएँ बढ़ सकती हैं।
– विदेश में इलाज के बाद भारत में लाने में लॉजिस्टिक्स, एयर एम्बुलेंस का इंतजाम, और अस्पताल में उपयुक्त संसाधन जुटाना बड़ी चुनौतियाँ हैं।
– राजस्थान के शिक्षा और छात्र-कल्याण विभाग को इस तरह के विदेश-शिक्षण छात्रों के लिए आपातकालीन हेल्प-लाइन व मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
इस प्रकार, शाहपुरा के 22 वर्षीय एमबीबीएस छात्र राहुल गुढ़ाल्या के साथ हुआ यह दुर्भाग्यपूर्ण स्वास्थ्य हादसा, उनकी भारत वापसी और जयपुर में इलाज का समन्वय एक सकारात्मक संकेत है कि समय रहते हस्तक्षेप संभव है। राज्य व केंद्र-स्तर पर इस तरह के मामलों के लिए पूर्व-योजना व तैयारियों को और सुदृढ़ बनाना होगा।
Author: News & PR Desk
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