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Jaisalmer Bus Fire Tragedy: जैसलमेर बस हादसे में 20 की मौत, 16 घायल – PM Modi ने जताया दुख, घोषित की ₹2 लाख की सहायता राशि

Jaisalmer Bus Fire Tragedy: 20 Killed, 16 Injured — PM Announces Ex-Gratia

राजस्थान टीवी: जैसलमेर, 15 अक्टूबर 2025 — राजस्थान के जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी बस में बुधवार को भीषण ह火 लगने से कम से कम 20 यात्रियों की जान चली गई, जबकि 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे ने एक बार फिर परिवहन सुरक्षा और गाड़ियों की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


🔥 हादसा कैसे हुआ

  • घटना जैसलमेर जिले के Thaiyat गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई, जब बस लगभग 10 किमी दूर शहर से निकल चुकी थी।
  • स्थानीय विधायक प्रत्येक पुरी (Pokhran MLA Pratap Puri) के अनुसार, बस के पीछे हिस्से में अचानक धुएँ निकलने लगे थे, संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण।
  • ड्राइवर ने बस को सड़क किनारे रोकने की कोशिश की, लेकिन कुछ ही पलों में पूरी बस आग की लपटों में डूब गई।
  • आग तेज़ी से बढ़ गई और यात्रियों को निकलने का समय ही नहीं मिला। विशेष रूप से पीछे की सीटों पर बैठे लोगों को नुकसान अधिक हुआ क्योंकि बस के एकमात्र दरवाजे से ही निकलने का रास्ता था।

🧾 मृतकों और घायलों की स्थिति

  • घटनास्थल से 19 शव प्राप्त किए गए, जबकि एक घायल व्यक्ति अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ बैठा।
  • कम से कम 15 यात्रियों की हालत नाजुक बताई गई है, जिनका जाॅधपुर, जैसलमेर एवं अन्य अस्पतालों में उपचार चल रहा है।
  • भयावह रूप से, मृतकों में 3 बच्चे भी शामिल हैं।

👤 राजनीतिक प्रतिक्रिया और राहत घोषणा

CM भजनलाल दुर्घटनास्थल पर मौका मुआयना करते हुए
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस क्षति से “distressed” हैं। उन्होंने मृतक यात्रियों के परिजनों को 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि (ex-gratia) देने की घोषणा की और घायलों के लिए 50,000 रुपये की सहायता का आश्वासन दिया।
  • राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी तुरंत जैसलमेर पहुंचे और अधिकारियों को घायल लोगों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
  • राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, अन्य राजनैतिक हस्तियों ने भी संवेदना प्रकट की।

⚠️ सवाल उठ रहे हैं — सुरक्षा मानक, वाहनों की मरम्मत और जिम्मेदारी

  1. बस हाल ही में परिवर्तित थी — रिपोर्ट्स के अनुसार, यह बस कुछ ही दिनों पहले non-AC से AC बस में बदली गई थी। उसकी इलेक्ट्रिकल फिटिंग या AC गैस लाईन में किसी कमी के कारण हादसा शुरू हुआ हो सकता है।
  2. एकमात्र नैरनेटिक निकास — बस में केवल एक ही दरवाजा था, जिससे कई यात्री फँस गए। ऐसे में यदि पीछे भाग में आग फैलती है, बचने का रास्ता सीमित हो जाता है।
  3. अनुपयुक्त फिटिंग और निरीक्षण की कमी — बसों में किए गए मॉडिफिकेशन पर अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी होती है।
  4. तत्काल बचाव व्यवस्था और सड़क सुरक्षा — इस तरह की घटनाओं में पलट कर बचाव करना संभव नहीं होता, इसलिए सड़क सुरक्षा और आपात प्रतिक्रिया प्रणालियों को मजबूत करना आवश्यक है।

🏥 राहत एवं संचालन की गतिविधियाँ

  • जिला प्रशासन व पुलिस ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया।
  • घायलों को तुरंत Jawahar अस्पताल, जैसलमेर में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति में कुछ को आगे के इलाज के लिए जोधपुर भेजा गया।
  • शवों की पहचान हेतु DNA परीक्षण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी और उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।

इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर आगाह किया है कि बसों में सुरक्षा मानक, उचित निरीक्षण, आपात निकासी के विकल्प, और निर्माण-परिवर्तन की देखरेख कितना महत्वपूर्ण हैं। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।

News & PR Desk
Author: News & PR Desk

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