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लेखक का समग्र दायित्व पाठक के प्रति: दुर्गाप्रसाद अग्रवाल


कलमकार मंच और पिंकसिटी प्रेस क्लब में छह पुस्तकों का भव्य लोकार्पण, देशभर से जुटे साहित्यकार

जयपुर। साहित्यिक संस्कृति और रचनात्मक संवाद को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कलमकार मंच एवं पिंकसिटी प्रेस क्लब के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को एक भव्य पुस्तक लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ। समारोह में देशभर से आए वरिष्ठ साहित्यकारों, पत्रकारों और साहित्यप्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में दिल्ली की कवयित्री पूनम माटिया के ग़ज़ल संग्रह ‘शजर पे चाँद उगाओ’, बांसवाड़ा के साहित्यकार भारत दोसी के आलेख संग्रह ‘इसलिए वे राष्ट्रपिता हैं’, जयपुर की लेखिका तारावती सैनी ‘नीरज’ के कहानी संग्रह ‘महतारी’, जयपुर के कवि प्रेम प्रकाश ‘मुर्तसिम’ के काव्य संग्रह ‘ख़ून क्यों खौलता नहीं’, दिल्ली के संतोष बंसल के यात्रा वृत्तांत ‘किस्से अजूबों के’ तथा वरिष्ठ साहित्यकार धर्म नारायण शर्मा ‘धर्म’ के समग्र लेखन पर उनके पुत्र पीयूष शर्मा द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘प्रतिबिम्ब’ का लोकार्पण किया गया।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता, वरिष्ठ साहित्यकार दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने कहा कि लेखन, चाहे वह किसी भी विधा का हो, अत्यंत ज़िम्मेदारी का कार्य है और इसे पूरी निष्ठा, गंभीरता और तैयारी से किया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया—

“लेखक का पहला और सबसे बड़ा दायित्व अपने पाठक के प्रति होता है, जो न केवल उसकी पुस्तक खरीदता है, बल्कि उसे पढ़ने के लिए अपना अमूल्य समय भी देता है।”

उन्होंने कहा कि आज के दुष्प्रचार और भ्रम फैलाने वाले समय में सत्य और सार्थक लेखन की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। डॉ. अग्रवाल ने लेखकों को सुझाव दिया कि आलोचना को नकारात्मक न मानें, बल्कि उसे सुधार का अवसर समझें। “जो व्यक्ति आपके लेखन में कमियां बताता है, वही आपका सच्चा मित्र है,” उन्होंने कहा। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि लेखक जितना लिखते हैं, उससे कई गुना अधिक पढ़ें, तभी उनके लेखन में गहराई और निखार आएगा।

वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने अपने वक्तव्य में वर्तमान सामाजिक परिदृश्य की चिंता जताई। उन्होंने कहा कि नफ़रत, हिंसा और अराजकता के बढ़ते माहौल में मानवता को बचाए रखने में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।
वरिष्ठ व्यंग्यकार फारुक आफरीदी, वरिष्ठ पत्रकार विनोद भारद्वाज, आलोचक राजाराम भादू और कथाकार चरणसिंह पथिक ने भी अपने विचार रखे।

कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने कहा कि साहित्य और पत्रकारिता एक-दूसरे के पूरक हैं, लेकिन वर्तमान समय में युवा पत्रकारों का साहित्य के प्रति झुकाव घट रहा है, जो चिंता का विषय है।
पिंकसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा कि क्लब में नियमित साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन के प्रयास किए जा रहे हैं। महासचिव मुकेश चौधरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रेमचंद गांधी, नवल पाण्डेय, महेश कुमार, भागचंद गुर्जर, लक्ष्मण सिंह और सोमाद्री शर्मा ने नव-लोकार्पित पुस्तकों पर समीक्षात्मक टिप्पणियां प्रस्तुत कीं।

समारोह में वरिष्ठ पत्रकार दिनेश ठाकुर, राजेश शर्मा, आशा पटेल, ब्रजभूषण शर्मा, बसंत व्यास, एम.आई. ज़ाहिर, राजेश मिश्रा, राखी सोनी, दिनेश शर्मा अधिकारी, मनीष शर्मा, अक्षत मिश्रा, दीपा शर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार और साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।

News & PR Desk
Author: News & PR Desk

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