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Kishtwar cloudburst – किश्तवार बादल फटने की घटना: मचैल माता यात्रा मार्ग पर 37 श्रद्धालुओं की मौत, 100 से अधिक घायल

Kishtwar cloudburst

 

जम्मू-कश्मीर के किश्तवार जिले के चोसिटी गांव में गुरुवार दोपहर मचैल माता यात्रा मार्ग पर आए भीषण बादल फटने से कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। मृतकों में ज्यादातर श्रद्धालु थे, जो मचैल माता मंदिर की ओर जा रहे थे। प्रशासन के अनुसार कई लोग अभी भी लापता हैं और बचाव दलों को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

जिला उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि हादसा दोपहर 12 से 1 बजे के बीच उस समय हुआ, जब वार्षिक यात्रा के लिए सैकड़ों श्रद्धालु चोसिटी—जो मंदिर से पहले का अंतिम वाहन योग्य बिंदु है—पर एकत्र थे। यहां से मंदिर तक 8.5 किलोमीटर का पैदल सफर शुरू होता है। भारी बारिश और मलबे के बीच राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अब तक 65 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि CISF के एक जवान का शव बरामद हुआ और तीन जवान लापता हैं।

स्थानीय ‘लंगर’ (सामुदायिक रसोई) भी बादल फटने से आई बाढ़ की चपेट में आ गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन से बात की और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “चोसिटी क्षेत्र में आए भीषण बादल फटने से भारी जनहानि हो सकती है। प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया है और बचाव दल मौके पर पहुंच रहे हैं। सभी जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी।”

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात कर स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र से सटीक जानकारी धीरे-धीरे मिल रही है और सभी संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं। वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए नागरिक प्रशासन, पुलिस, सेना, NDRF और SDRF को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

देश के कई पहाड़ी क्षेत्रों में इन दिनों भारी मानसूनी बारिश हो रही है, जिससे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं। उत्तराखंड के चमोली और उत्तरकाशी में हाल ही में आए बादल फटने से भारी तबाही हुई, जबकि हिमाचल प्रदेश में 396 सड़कें बंद हैं और कई घरों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।

यह हादसा मचैल माता यात्रा के इतिहास में सबसे भयावह त्रासदियों में से एक माना जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक जानकारी का ही अनुसरण करें।

News Desk
Author: News Desk

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