जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिशोती गांव में बादल फटने से भारी तबाही मची। अचानक आई बाढ़ ने मकानों, अस्थायी ढाँचों और वाहनों को बहा दिया। अब तक 60 से अधिक लोगों की मौत, 100 से ज्यादा लोग घायल और कई लापता बताए जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, करीब 75 लोग लापता हैं, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बाढ़ के तेज बहाव में सैकड़ों लोग पत्थरों, लकड़ियों और मलबे के नीचे दब गए हो सकते हैं। मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान और स्थानीय पुलिस का एक एसपीओ भी शामिल है।
📹 सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह बाढ़ का तेज़ पानी इलाके में घुस आया। मचैल माता यात्रा पर निकले श्रद्धालु चीख-पुकार के बीच अपनी जान बचाते भागते नज़र आ रहे हैं। एक वीडियो में साफ दिखता है कि किस तरह पानी का तेज़ बहाव पेड़ों और ढांचों को उखाड़ते हुए सब कुछ बहा ले गया।
स्थानीय समाचार पोर्टल ‘जम्मू लिंक्स’ द्वारा साझा किए गए एक वीडियो (जिसकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई) में लोग गाड़ियों से निकलते, भागते और रोते-बिलखते दिख रहे हैं।
बचाव अभियान जारी है। पीटीआई के मुताबिक अब तक मलबे से 167 लोगों को निकाला गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर है।
बाढ़ से 16 आवासीय मकान, सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार आटा चक्कियाँ और 30 मीटर लंबा पुल क्षतिग्रस्त हो गए। दर्जनभर से ज्यादा गाड़ियाँ भी बाढ़ की चपेट में आ गईं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने इस घटना को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है।
Author: News Desk
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