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Madurai Temple Lamp Contempt Case: “Court आदेश की अवहेलना”, तमिलनाडु सरकार पर हाई कोर्ट का कड़ा वार

Madurai Temple Lamp Contempt Case

मदुरै की प्रसिद्ध तिरुप्परंकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित प्राचीन दीपथून स्तंभ पर कार्तिगै दीपम का दीपक न जलाए जाने पर Madurai Temple Lamp Contempt Case में मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने बुधवार शाम तमिलनाडु सरकार को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने इसे “जानबूझकर अवमानना”करार दिया।

स्पष्ट आदेश के बावजूद दीप नहीं जलाया गया

1 दिसंबर को हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि दीपथून स्तंभ पर दीपक जलाया जाए।लेकिन मंदिर प्रशासन ने परंपरा का हवाला देते हुए दीपक केवल उस पुराने स्थान पर जलाया, जहाँ पिछले 100 वर्षों से दीपक जलाया जाता रहा है — उच्छि पिल्लैयार मंदिर के पास।याचिकाकर्ता रमा रविकुमार ने कहा कि दीपथून स्तंभ पर दीप जलाने की “कोई व्यवस्था नहीं की गई”

“लोकतंत्र के लिए खतरा” — जस्टिस स्वामीनाथन

न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने टिप्पणी की:

  • “अवमानना हुई है… आदेश का उल्लंघन हुआ है।”

  • “राज्य प्रशासन ने जानबूझकर कोर्ट के आदेश को ठुकराया है।”

  • “आदेश की अवहेलना लोकतंत्र के लिए मृत्यु-घंटी समान है।”

  • “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।”

कोर्ट ने यह भी रिकॉर्ड किया कि मंदिर का कार्यकारी अधिकारी संपर्क में नहीं था, मंदिर द्वारा दायर अपील त्रुटिपूर्ण थी, और “जिसे वास्तविक आपत्ति हो सकती थी — दरगाह” ने कोई अपील दायर ही नहीं की।

प्रतीकात्मक रूप से दीप जलाने की अनुमति

कंटेम्प्ट कार्रवाई के तहत हाई कोर्ट ने एक दुर्लभ आदेश पारित किया।

  • याचिकाकर्ता को 10 लोगों के साथ पहाड़ी पर चढ़कर दीपथून स्तंभ पर प्रतीकात्मक दीप जलाने की अनुमति दी गई।

  • CISF को सुरक्षा देने का निर्देश।

  • मंदिर EO और मदुरै पुलिस कमिश्नर को कोर्ट में तलब किया गया।

स्थानीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए बड़े जमावड़े पर प्रतिबंध लगाया।


विवाद की पृष्ठभूमि

तिरुप्परंकुंद्रम सुब्रमनियास्वामी मंदिर — भगवान मुरुगन के छह पवित्र स्थलों में एक — में कार्तिगै दीपम दीप जलाने की परंपरा सदियों पुरानी है।1923 के प्रिवी काउंसिल से पुष्टि किए गए आदेश का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा कि “पहाड़ी के निर्जन क्षेत्र पर मंदिर का प्राचीन अधिकार है।”जज ने कहा कि दीपथून स्तंभ पर दीप जलाना स्वामित्व का “नियमित दावा” है, अन्यथा अधिकार खो सकता है।


राजनीतिक गरमाहट भी बढ़ी

यह मामला तमिलनाडु की राजनीति में तीखी बहस का केंद्र बन गया है।

  • DMK सरकार संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है — न हिंदू वोटरों को नाराज़ करना चाहती है न अल्पसंख्यकों को।

  • BJP नेता के. अन्नामलाई ने इसे “शर्मनाक” कहा और आरोप लगाया कि सरकार हिंदू हितों के खिलाफ HR&CE विभाग का दुरुपयोग कर रही है।

  • DMK का कहना है कि BJP “अनावश्यक धार्मिक तनाव” भड़का रही है।

जमीन पर हिंदू-मुस्लिम सौहार्द है, लेकिन कुछ समूहों ने पहाड़ी की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने रोका और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

News Desk
Author: News Desk

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