बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। पटना में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की घटना को लेकर विपक्ष ने उनके व्यवहार और मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस ने इस कृत्य को “बेशर्म” और “घिनौना” बताते हुए नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग की है।
सोमवार को आयोजित कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में 74 वर्षीय जदयू प्रमुख नीतीश कुमार एक आयुष डॉक्टर को प्रमाणपत्र देते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान वह महिला को इशारे से हिजाब हटाने के लिए कहते हैं। इससे पहले कि महिला कुछ समझ पाती, नीतीश कुमार खुद आगे बढ़कर उसका हिजाब नीचे खींच देते हैं, जिससे उसका मुंह और ठोड़ी दिखाई देने लगती है। इस दौरान पीछे मौजूद कुछ लोग हंसते नजर आते हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उन्हें रोकने की कोशिश करते दिखते हैं।
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस ने इसे “घिनौना” करार दिया और कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का ऐसा व्यवहार महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि एक महिला डॉक्टर जो नियुक्ति पत्र लेने आई थी, उसके साथ इस तरह का व्यवहार शर्मनाक है और नीतीश कुमार को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस मामले को लेकर नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए। पार्टी ने एक्स पर हिंदी में लिखा कि नीतीश कुमार की मानसिक हालत अब बेहद चिंताजनक हो गई है। राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाना जदयू-भाजपा गठबंधन की महिलाओं के प्रति सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि किसी महिला की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को इस तरह सार्वजनिक रूप से ठेस पहुंचाना उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन है।
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार का सार्वजनिक व्यवहार विवादों में आया हो। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक सार्वजनिक कार्यक्रम में एक महिला को माला पहनाते नजर आए थे। उस समय उन्हें रोकने की कोशिश करने वाले एक जदयू सांसद को मुख्यमंत्री ने डांट भी लगाई थी।
इन घटनाओं को आधार बनाकर जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और अन्य नेताओं ने चुनाव से पहले नीतीश कुमार की मानसिक और शारीरिक फिटनेस पर सवाल उठाए थे और कहा था कि वह शासन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। हालांकि, एनडीए ने चुनावों में बड़ी जीत दर्ज की थी और 243 में से 200 से अधिक सीटें हासिल की थीं, जबकि विपक्षी महागठबंधन सिमटकर 35 सीटों पर रह गया था।
चुनाव के बाद एनडीटीवी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल से बातचीत में प्रशांत किशोर ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा था कि यह उम्र का नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम होने का सवाल है और वह अपनी बात वापस नहीं लेंगे।
Author: News Desk
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