राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था ने पिछले दशक में उल्लेखनीय सुधार देखे हैं। जहाँ कभी साक्षरता दर बहुत कम थी, वहीं आज राज्य तेजी से शिक्षित समाज की ओर अग्रसर है।
“मुख्यमंत्री नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक योजना”, “बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना” और “राजीव गांधी डिजिटल शिक्षा मिशन” जैसी सरकारी पहलें शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक रही हैं। राज्य में 200 से अधिक सरकारी कॉलेज और 80 से अधिक विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में “विद्यालय अपनाओ अभियान” के तहत निजी संगठनों और समाजसेवियों को शिक्षा में भागीदारी का अवसर दिया गया है। इससे कई स्कूलों की स्थिति में सुधार हुआ है।
हाल के वर्षों में राजस्थान ने “डिजिटल क्लासरूम” और “ई-लर्निंग” को भी अपनाया है। कोविड-19 के बाद ऑनलाइन शिक्षा का प्रसार तेजी से हुआ। छात्रों को अब मोबाइल ऐप्स और स्मार्ट क्लास के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार हुए हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल और कृषि विश्वविद्यालयों में अनुसंधान और नवाचार पर बल दिया जा रहा है।
हालाँकि, शिक्षक की कमी और ड्रॉपआउट दर जैसी चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं। राज्य सरकार “Education Mission 2035” के माध्यम से इन समस्याओं को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है।
यदि ये सुधार इसी प्रकार जारी रहे, तो राजस्थान जल्द ही भारत के अग्रणी शिक्षित राज्यों में शामिल होगा।
Author: News Desk
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