राजस्थान ने पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं में असमानता राज्य के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रही है।
सरकार ने “मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना” और “मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना” जैसी पहलें शुरू कीं, जिससे गरीबों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवाएँ मिल सकीं। “जननी सुरक्षा योजना” और “चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना” ने महिलाओं और कमजोर वर्गों को बड़ा सहारा दिया है।
राज्य के प्रत्येक जिले में सरकारी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और उपकेंद्र स्थापित किए गए हैं। हालांकि, चिकित्सा कर्मियों की कमी और उपकरणों की अनुपलब्धता जैसी समस्याएँ अब भी कुछ क्षेत्रों में बनी हुई हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान राजस्थान ने अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था की मजबूती का परिचय दिया। टेलीमेडिसिन, मोबाइल क्लिनिक और डिजिटल हेल्थ रजिस्टर जैसी व्यवस्थाओं ने दूरदराज़ के लोगों तक सेवाएँ पहुँचाईं।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में निजी संस्थानों का योगदान भी बढ़ा है। जयपुर, उदयपुर और जोधपुर जैसे शहर अब मेडिकल टूरिज्म के केंद्र बन रहे हैं। यहाँ की सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स आधुनिक तकनीक से लैस हैं।
फिर भी, राज्य में मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और कुपोषण जैसी समस्याएँ गंभीर हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने “राजस्थान स्वास्थ्य मिशन 2030” की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है।
यदि सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू किया जाए और स्वास्थ्य कर्मियों को बेहतर संसाधन मिले, तो राजस्थान आने वाले समय में एक “स्वस्थ राज्य” के रूप में पहचाना जा सकता है।
Author: News Desk
हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com