आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने तमिलनाडु के उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म की तुलना बीमारियों से किए जाने पर कड़ा जवाब देते हुए सनातन धर्म की रक्षा की बात कही। पवन कल्याण ने इसके लिए एक राष्ट्रीय कानून और सुरक्षा बोर्ड की मांग की, जिसमें मंदिरों के निरंतर अपमान का समाधान करने और विश्वासों की सुरक्षा पर जोर दिया।
तिरुपति लड्डू प्रसाद पर विवाद के बाद प्रतिक्रिया
तिरुपति लड्डू प्रसाद विवाद पर अपनी कड़ी टिप्पणियों के बाद, पवन कल्याण ने तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन पर हमला करते हुए कहा, “सनातन धर्म को मिटाया नहीं जा सकता।”
इस पर डीएमके प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने कहा कि उनकी पार्टी किसी धर्म, खासकर हिंदू धर्म के बारे में बात नहीं करती, लेकिन “हम जातिगत अत्याचार, अस्पृश्यता और जातिगत भेदभाव के खिलाफ बोलते रहेंगे।”
उदयनिधि स्टालिन की विवादित टिप्पणी
पिछले साल 2 सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से की थी। उनकी इस टिप्पणी ने देशभर में राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था।
पवन कल्याण की मांग
इस सप्ताह एक कार्यक्रम के दौरान पवन कल्याण ने कहा, “सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक मजबूत राष्ट्रीय कानून की आवश्यकता है ताकि इसके विश्वासों को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को रोका जा सके। यह कानून तुरंत लागू किया जाना चाहिए और पूरे भारत में समान रूप से लागू होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक ‘सनातन धर्म सुरक्षा बोर्ड’ की स्थापना की जानी चाहिए जो इस कानून के कार्यान्वयन की निगरानी करे। इस बोर्ड और इसकी गतिविधियों के समर्थन के लिए वार्षिक धनराशि आवंटित की जानी चाहिए।”
प्रसाद की शुद्धता पर जोर
पवन कल्याण ने यह भी कहा कि मंदिरों में उपयोग होने वाली सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए ‘सनातन धर्म प्रमाणन’ लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “जो लोग सनातन धर्म को बदनाम करते हैं या इसके खिलाफ नफरत फैलाते हैं, उनके साथ असहयोग किया जाना चाहिए। प्रसाद और मंदिरों में उपयोग होने वाली सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए यह प्रमाणन आवश्यक है।”
उन्होंने न्यायपालिका से अपील की, “मैं सर्वोच्च न्यायालय से कहना चाहता हूं कि यह मुद्दा केवल एक प्रसाद का नहीं है। पिछले 5-6 सालों से मंदिरों के साथ निरंतर अपमान हो रहा है। लगभग 219 मंदिर अपवित्र किए गए। रामतीर्थम में भगवान राम की मूर्ति को तोड़ा गया। इसलिए, यह केवल एक प्रसाद का मुद्दा नहीं है। इस ‘प्रायश्चित दीक्षा’ के माध्यम से सनातन धर्म परिरक्षण ट्रस्ट को आगे बढ़ाना बेहद आवश्यक है। ऐसी घटनाओं को अलग-अलग स्तरों पर रोका और निपटाया जाना चाहिए।”
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