नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उलझन बनी हुई है, जहां नौ एग्जिट पोल्स में से तीन ने ‘हंग हाउस’ का अनुमान जताया है, जबकि चार ने सत्तारूढ़ गठबंधन को बढ़त दी है और दो पोल्स में अनिश्चितता दिखायी गई है। झारखंड में, जहां अधिकांश ने स्पष्ट परिणाम की उम्मीद की थी, वहां एग्जिट पोल्स ने विभाजन के संकेत दिए हैं। कुछ पोल्स में दावा किया गया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन राज्य में अपनी सरकार बनाए रखेगा, जबकि कुछ का मानना है कि एनडीए (NDA) इंडिया गठबंधन से राज्य को छीन लेगा।
हालांकि, नौ एग्जिट पोल्स के कुल योग में महाराष्ट्र में एनडीए की जीत की संभावना जताई गई है, जबकि झारखंड में कड़ा मुकाबला और विभाजित परिणाम के संकेत मिले हैं।
महाराष्ट्र:
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति, जिसमें एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की एनसीपी और बीजेपी शामिल हैं, को 150 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, महा विकास आघाडी (MVA), जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं, को 125 सीटें मिल सकती हैं। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए।
झारखंड:
झारखंड में, जहां वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस का गठबंधन शासन में है, एनडीए को 39 सीटें मिलने का अनुमान है, जो बहुमत के आंकड़े 41 से थोड़ा कम है। वहीं, इंडिया गठबंधन (INDIA) के पास 38 सीटें आने का अनुमान है।
एग्जिट पोल्स की भविष्यवाणी:
इस बार के एग्जिट पोल्स में जिन संस्थाओं ने एनडीए की जीत का अनुमान जताया है, उनमें पीपल्स पल्स, मैट्राइज, चाणक्य स्ट्रैटेजीज और टाइम्स नाऊ JVC शामिल हैं। वहीं, दैनिक भास्कर, लोकशाही मराठी रुद्र और इलेक्टोरल एज जैसे पोल्स में संशय देखा गया है। कुछ पोल्स ने एग्जिट पोल के परिणामों में व्यापक अंतर को ध्यान में रखते हुए मिश्रित परिणामों का अनुमान जताया है।
राजनीतिक उलझन:
महाराष्ट्र में पिछले दो वर्षों के राजनीतिक बदलावों ने चुनाव को और जटिल बना दिया है, जिसमें शिवसेना और एनसीपी में पार्टी विभाजन और सरकार में बदलाव शामिल हैं। अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों में उध्दव ठाकरे और शरद पवार के पक्ष में जनता का रुझान दिखा था, जिन्होंने बगावत, विभाजन और सत्ता से वंचित होने का सामना किया। हालांकि, चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के कारण काफी समर्थन हासिल किया है, खासकर महिलाओं के लिए ‘लाडली बहन’ योजना की वजह से।
झारखंड में संभावित बदलाव:
झारखंड में, 2019 विधानसभा चुनावों में जहां जेएमएम को 30 सीटें और बीजेपी को 25 सीटें मिली थीं, वहीं इस बार इंडिया ब्लॉक ने महिला केंद्रित योजनाओं और आदिवासी समुदाय के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ गुस्से के कारण सत्ता में बने रहने की उम्मीद जताई है।
एनडीए की उम्मीदें भी इस बार वापस लौटने की हैं, खासकर राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रदर्शन न करने के आरोपों के चलते।
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