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Umar Khalid Bail Denied-2020 दिल्ली दंगा केस: उमर खालिद और शरजील इमाम को हाईकोर्ट से जमानत नहीं, अन्य सात आरोपियों की भी अर्जी खारिज

 Umar Khalid Bail Denied

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2020 के दिल्ली दंगा मामले में कार्यकर्ताओं उमर खालिद और शरजील इमाम समेत नौ आरोपियों की जमानत याचिकाएँ खारिज कर दीं। अदालत ने कहा कि सभी अपीलों को खारिज किया जाता है। विस्तृत आदेश बाद में जारी किया जाएगा।

यह आदेश न्यायमूर्ति नवीन चावला और शालिंदर कौर की खंडपीठ ने सुनाया। जिन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज हुई, उनमें मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा और शादाब अहमद भी शामिल हैं।

मामला क्या है?

फरवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़के थे, जिनमें 53 लोगों की मौत हुई और 700 से अधिक घायल हुए। पुलिस ने आरोप लगाया कि यह दंगे स्वतःस्फूर्त नहीं थे, बल्कि “सुनियोजित साजिश” का हिस्सा थे।

उमर खालिद, शरजील इमाम और अन्य आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (UAPA) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इन्हें दंगों का “मास्टरमाइंड” बताया।

अदालत में दलीलें

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की ओर से पेश होते हुए कहा कि यह षड्यंत्र “भारत को वैश्विक स्तर पर बदनाम करने के लिए” रचा गया था। उन्होंने कहा, “अगर आप राष्ट्र के खिलाफ कुछ करेंगे तो तब तक जेल में रहेंगे जब तक दोषमुक्त नहीं हो जाते।”

वहीं, शरजील इमाम के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल घटना स्थल, समय और सह-आरोपियों से “पूरी तरह असंबद्ध” था। उनके भाषणों या चैट में कहीं भी अशांति भड़काने की बात नहीं थी।

उमर खालिद और अन्य आरोपियों ने लंबे समय से जेल में रहने और उन सह-आरोपियों से समानता का आधार भी रखा, जिन्हें पहले जमानत मिल चुकी है।

पुलिस का रुख

दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि यह दंगा “क्लीनिकल और पैथोलॉजिकल साजिश” का नतीजा था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों के भाषणों में सीएए-एनआरसी, बाबरी मस्जिद, तीन तलाक और कश्मीर जैसे मुद्दों का जिक्र था, जिससे डर और तनाव का माहौल बना।

पुलिस ने यह भी कहा कि इतने “गंभीर अपराध” वाले मामले में “जमानत नियम है, जेल अपवाद” का सिद्धांत लागू नहीं हो सकता।

पृष्ठभूमि

शरजील इमाम को अगस्त 2020 में इस केस में गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी 2020 से जेल में हैं। उनकी जमानत याचिकाएँ 2022 से हाईकोर्ट में लंबित थीं और अलग-अलग पीठों ने समय-समय पर सुनवाई की।

News Desk
Author: News Desk

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