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Vice President Election Cross-Voting-उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग पर बवाल, अभिषेक बनर्जी ने AAP पर साधा निशाना

Vice President Election Cross-Voting

उपराष्ट्रपति चुनाव में हुई कथित क्रॉस-वोटिंग को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। बीजेपी के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को मिली जीत के बाद विपक्षी खेमे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अभिषेक बनर्जी ने आम आदमी पार्टी (AAP) पर सीधा निशाना साधा है।

अभिषेक बनर्जी ने खासतौर पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल का जिक्र किया, जिनके AAP से रिश्ते पिछले साल मई में अरविंद केजरीवाल के घर पर हुई कथित मारपीट घटना के बाद बिगड़ गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP समेत कुछ दलों के चार सांसदों ने विपक्षी गठबंधन इंडिया (INDIA) ब्लॉक के साझा उम्मीदवार पूर्व जज बी. सुधर्शन रेड्डी को वोट नहीं दिया।

इसके साथ ही बनर्जी ने दावा किया कि बीजेपी ने विपक्षी सांसदों को क्रॉस-वोटिंग के लिए 15 से 20 करोड़ रुपये तक की पेशकश की। उन्होंने कहा, “जनता ने जिन्हें अपना प्रतिनिधि चुना, वे अब विश्वास बेच रहे हैं। प्रतिनिधियों को खरीदा जा सकता है, लेकिन जनता को नहीं।”

AAP की प्रतिक्रिया

टीएमसी नेता के आरोपों पर AAP ने तुरंत जवाब दिया। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “चुनाव आयोग को मालूम है किसने किसे वोट दिया। अगर आयोग ने बीजेपी को यह बताया है तो जनता को भी बताना चाहिए। जब तक आयोग खुद जानकारी सार्वजनिक नहीं करता, ऐसे आरोप निराधार हैं।”

तृणमूल का दावा

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी के सभी 41 सांसदों (28 लोकसभा और 13 राज्यसभा) ने न्यायमूर्ति रेड्डी को वोट दिया। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और सौगत राय ने बीमार होने के बावजूद मतदान किया।

बनर्जी ने आगे कहा कि गुप्त मतदान होने की वजह से यह तय करना मुश्किल है कि वोट रद्द हुए या विपक्षी सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की। लेकिन उन्होंने इशारा किया कि “कुछ पार्टियों जैसे AAP में ऐसे सांसद हैं जो खुलेआम बीजेपी का समर्थन करते हैं और केजरीवाल के खिलाफ बोलते हैं।”

विपक्षी दलों का रुख

टीएमसी ही नहीं, बल्कि शरद पवार गुट की एनसीपी, तेजस्वी यादव की आरजेडी और डीएमके ने भी दावा किया कि उनके सांसदों ने विपक्षी उम्मीदवार को ही वोट दिया। इसके बावजूद बीजेपी उम्मीदवार को 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार को अपेक्षित वोटों से 15 कम मिले।

क्रॉस-वोटिंग ने बढ़ाई इंडिया ब्लॉक की मुश्किलें

बीजेपी खेमे की शुरुआती संख्या 438 थी, लेकिन अंतिम परिणाम में राधाकृष्णन को 14 वोट ज्यादा मिले। वहीं विपक्षी उम्मीदवार को 15 वोट कम मिले और 15 वोट रद्द कर दिए गए। इससे साफ है कि कहीं न कहीं क्रॉस-वोटिंग जरूर हुई।

बीजेपी नेताओं ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन अपने ही 315 वोट सुरक्षित नहीं रख पाया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तो “क्रॉस-वोटिंग करने वाले सांसदों का विशेष धन्यवाद” तक दे डाला।

क्यों अहम है यह विवाद?

उपराष्ट्रपति चुनाव में पार्टी व्हिप लागू नहीं होता, लेकिन सांसदों से उम्मीद की जाती है कि वे पार्टी लाइन पर वोट दें। ऐसे में क्रॉस-वोटिंग विपक्षी एकजुटता पर सवाल खड़े करती है, खासकर जब बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में आगामी चुनाव होने वाले हैं।

इंडिया ब्लॉक गठन के बाद से ही सीट बंटवारे और छोटे दलों को साथ रखने पर विवाद चलता रहा है। अब इस क्रॉस-वोटिंग विवाद ने विपक्षी गठबंधन की कमजोरी को और उजागर कर दिया है।

नतीजों के बाद प्रतिक्रियाएँ

विपक्षी उम्मीदवार न्यायमूर्ति सुधर्शन रेड्डी ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर अटूट विश्वास है और विपक्षी नेताओं के समर्थन के लिए आभारी हैं।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचित सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी और कहा कि “उनका जीवन समाजसेवा और गरीबों-हाशिए पर खड़े लोगों को सशक्त करने के लिए समर्पित रहा है। मुझे विश्वास है वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे।”

News Desk
Author: News Desk

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