बिहार में जहरीली शराब कांड से मरने वालों की संख्या गुरुवार को 25 तक पहुंच गई है, और यह संख्या बढ़ने की आशंका है, अधिकारियों ने बताया। सारण और सिवान जिलों में जहरीली शराब पीने से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शराब में मिथाइल अल्कोहल और औद्योगिक स्पिरिट मिलाई गई थी, जिसके कारण यह घटना हुई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी आलोक राज और मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर जाकर स्थिति का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए और डीजीपी को कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।
डीजीपी आलोक राज ने पीटीआई को बताया कि घटना के बाद दो विशेष जांच दल (SIT) गठित किए गए हैं। एक स्थानीय स्तर पर गठित टीम अपराध की जांच करेगी, जबकि पटना में गठित दूसरी टीम हाल के ऐसे मामलों का अध्ययन करेगी और आगे की रणनीति तैयार करेगी।
डीजीपी आलोक राज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक 25 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है और इस कांड में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 49 लोग अभी भी इलाज करा रहे हैं। सिवान के भगवानपुर, मधर, खैरा और कौड़िया में 20 लोगों की मौत हुई, जबकि सारण में 5 लोगों ने दम तोड़ा।
सारण के डीएम मुकुल कुमार गुप्ता ने कहा कि मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी, बशर्ते वे शराबबंदी का समर्थन करने की शपथ लें और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट शर्तों को पूरा करे।
विपक्ष का नीतीश सरकार पर हमला
बिहार में शराब से हो रही मौतों को लेकर विपक्ष ने नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन सरकार पर निशाना साधा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, “30 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई की दृष्टि चली गई है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी तक शोक तक व्यक्त नहीं किया। यह हत्या है। घटनाएं बार-बार हो रही हैं और शराब हर जगह उपलब्ध है। माफियाओं को समाज में आतंक फैलाने की छूट मिली हुई है।”
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राज्य में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब व्यापार पर सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा, “राज्य में एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जिसने अवैध शराब तस्करी और व्यापार से समानांतर अर्थव्यवस्था बना ली है। सरकार इस माफिया को रोकने में असफल रही है। कागजों पर बिहार ‘ड्राई स्टेट’ है, लेकिन हकीकत इससे अलग है।”
हालांकि, जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निशाद ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “विपक्षी नेता जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उससे माफियाओं का मनोबल बढ़ता है। सरकार हमेशा ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटती है और शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए और कदम उठाए जाएंगे।”

Author: News Desk
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