मुंबई के आजाद मैदान में तैयारियां जोरों पर, मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बरकरार
मुंबई के आजाद मैदान में महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। स्टेज बनाया जा रहा है और दर्शक दीर्घा तैयार की जा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि शपथ कौन लेगा।
भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के तीन प्रमुख दलों के नेता—देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजीत पवार—अब तक राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से सरकार बनाने का दावा पेश करने नहीं पहुंचे हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये तीनों नेता फिलहाल अलग-अलग शहरों में हैं।
देवेंद्र फडणवीस मुंबई में हैं, जबकि एकनाथ शिंदे बीमार हैं और ठाणे में आराम कर रहे हैं। वहीं, अजीत पवार दिल्ली में हैं, जिसे उन्होंने “निजी दौरा” बताया है।
भाजपा विधायकों की बैठक आज
भाजपा विधायक दल की बैठक आज सुबह विधान भवन में होगी, जिसमें पार्टी विधायक अपने नेता का चयन करेंगे। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन भाजपा द्वारा अब तक अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा न करने से अटकलों का बाजार गर्म है।
महायुति के तीनों नेता भाजपा विधायकों की बैठक के बाद मिल सकते हैं। राज्यपाल से मुलाकात संभवतः कल होगी, जो शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले है।
शिंदे का रुख और महायुति में खींचतान
एकनाथ शिंदे ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वह सरकार गठन में कोई बाधा नहीं बनेंगे और मुख्यमंत्री पद का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर छोड़ दिया है। हालांकि, शपथ ग्रहण से पहले उनकी मुंबई से लगातार गैरमौजूदगी चर्चाओं को जन्म दे रही है। हाल ही में शिंदे सतारा में थे और उन्होंने चुनाव अभियान की थकान के बाद आराम की बात कही। अब वह ठाणे में हैं और वर्चुअल बैठकों में शामिल हो रहे हैं।
सस्पेंस के बीच, शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था और भाजपा को उनकी प्रतिष्ठा बनाए रखने पर विचार करना चाहिए।
“हमारे नेता ने पहले ही साबित कर दिया है कि वह शिवसेना का असली प्रतिनिधित्व करते हैं। अब दिल्ली (भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व) को तय करना है कि उनकी प्रतिष्ठा कैसे बनाए रखी जाए,” केसरकर ने कहा।
भाजपा की देरी पर विपक्ष का निशाना
शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने महायुति के मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा में देरी को महाराष्ट्र का अपमान बताया।
मराठी में ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी संख्या के बावजूद, वे अब तक महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सके। क्योंकि हमारे महाराष्ट्र को उनके लिए महत्व नहीं है। महाराष्ट्र का लगातार अपमान हो रहा है। उनके पास हर काम के लिए समय है, लेकिन हमारे राज्य के लिए नहीं।”
चुनाव परिणाम और विपक्ष का आरोप
288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति ने 230 सीटों के विशाल बहुमत के साथ जीत हासिल की है। भाजपा ने 132 सीटें जीतीं और मुख्यमंत्री पद पर दावा किया है। शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।
विपक्षी महा विकास अघाड़ी, जिसने कुछ महीने पहले लोकसभा चुनावों में महायुति को हराया था, इस बार मात्र 46 सीटों पर सिमट गई।
विपक्ष ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बैलेट वोटिंग की मांग की है। भाजपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और इसे विपक्ष की हार का बहाना बताया है। चुनाव आयोग ने ईवीएम पर झूठ फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है।

Author: News Desk
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