डबल ओलंपिक पदक विजेता शूटर मनु भाकर हाल ही में चर्चा में हैं, जब खबरें आईं कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित एथलीटों की सूची में उनका नाम गायब था। खेल रत्न पुरस्कार असाधारण प्रदर्शन करने वाले एथलीटों को दिया जाता है। पेरिस ओलंपिक 2024 में दो कांस्य पदक जीतने और स्वतंत्रता के बाद किसी एक ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट होने के बावजूद मनु का नाम सूची में न होने से खेल मंत्रालय पर सवाल उठे।
हालांकि, मनु भाकर ने इस मुद्दे पर अब सफाई देते हुए कहा है कि नामांकन प्रक्रिया में “शायद मेरी ओर से चूक” हुई है, जिसे ठीक किया जा रहा है।
मनु भाकर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरी नामांकन प्रक्रिया से जुड़े मुद्दे के संदर्भ में मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि एक एथलीट के रूप में मेरा मुख्य कार्य अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है। पुरस्कार और सम्मान मुझे प्रेरित करते हैं, लेकिन यह मेरा लक्ष्य नहीं है। मेरा मानना है कि नामांकन के दौरान शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है, जिसे अब ठीक किया जा रहा है। पुरस्कार मिले या न मिले, मैं अपने देश के लिए और पदक जीतने के लिए प्रेरित रहूंगी। मेरा सभी से अनुरोध है कि इस मामले पर अटकलें न लगाएं।”
इस बीच, मनु भाकर के कोच जसपाल राणा ने खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और राष्ट्रीय राइफल संघ (NRAI) की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी शिष्या की उपलब्धियों को नजरअंदाज करना अनुचित है।
जसपाल राणा ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “मैं इन सभी को जिम्मेदार ठहराऊंगा। कोई यह कैसे कह सकता है कि मनु ने आवेदन नहीं किया? उन्होंने इतिहास रचते हुए एक ही ओलंपिक में दो पदक जीते। उनका नाम स्वाभाविक रूप से सूची में होना चाहिए था। क्या शीर्ष पर बैठे लोग नहीं जानते कि मनु भाकर कौन हैं और उनकी उपलब्धियां क्या हैं? इस तरह का अपमान उनके प्रदर्शन पर असर डाल सकता है।”
राष्ट्रीय कोच ने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को सीधे पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की नई प्रक्रिया खिलाड़ियों के हित में नहीं है और यह थोड़ा अपमानजनक है।
मंत्रालय के नियम एथलीटों को स्व-नामांकन की अनुमति देते हैं, ताकि वे फेडरेशन या अन्य संस्थानों पर निर्भर न रहें। हालांकि, चयन समिति उन नामों पर भी विचार कर सकती है जो आवेदनकर्ताओं में शामिल नहीं हैं।
वहीं, खेल मंत्रालय ने दावा किया कि भाकर ने पुरस्कार के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन उनके पिता राम किशन भाकर, जो मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर हैं, ने कहा कि उनकी बेटी ने प्रक्रिया के अनुसार आवेदन किया था।

Author: News Desk
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