आज सुबह की बारिश ने जयपुर के गोवर्धनपुरी कॉलोनी में स्थिति को और खराब कर दिया है। गलता गेट के पास सिवरेज होल से गंदा पानी सड़क पर बह रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इसके साथ आने वाले समय में प्रशासन मौसमी बीमारियों को भी न्योता दे रहा है।
नागरिकों की मनमानी और प्रशासन की विफलता
विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले 20 से 30 वर्षों में राज्य सरकारें शहर की जल निकासी और सीवरेज प्रणाली के लिए कोई व्यापक मास्टरप्लान लागू करने में असफल रही हैं। इसके अलावा, नागरिकों को सीवरेज लाइन में बदलाव करने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। जयपुर के पूर्व उप मुख्य नगर योजनाकार, चंद्र शेखर पाराशर ने टीओआई को पहले भी इस बारे में बताया कि पहले शहर की जल निकासी बेहतर थी, लेकिन पिछले दो दशकों में शहर का तेजी से विस्तार और समतल होना समस्या को और बढ़ा रहा है।
जल निकासी नेटवर्क की क्षमता पर असर
विभिन्न नागरिक निकायों के इंजीनियरों का कहना है कि जयपुर में मौजूदा जल निकासी नेटवर्क अपनी सीमा तक पहुंच चुका है। यह स्थिति विभिन्न प्राधिकरणों – जेडीए, जेएमसी, राजस्थान हाउसिंग बोर्ड, और रीको – द्वारा उचित योजना और समन्वय के बिना जल निकासी नेटवर्क को लागू करने का प्रयास करने के कारण उत्पन्न हुई है।
गुमराह करने वाले उपाय और समस्याएं
सेवानिवृत्त सरकारी इंजीनियर ने कहा, “विभिन्न अधिकारियों ने कॉलोनियों में जलभराव से बचने के लिए सीवरेज और जल निकासी लाइनें स्थापित कीं, या आंतरिक सड़कों के लेवल को बिना किसी ठोस योजना के ऊंचा कर दिया। इन गुमराह उपायों के कारण, कॉलोनियों से पानी मेन सड़कों की तरफ बहने लगा, जिससे जयपुर में सड़कों पर जलभराव का खतरा बढ़ गया।”
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