Tamilnadu News: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े नौकरी के बदले पैसे लेने के घोटाले में जमानत दे दी है। 26 सितंबर 2024 को न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। यह मामला बालाजी पर लगे आरोपों से जुड़ा है, जिसमें कहा गया था कि 2011 से 2016 के बीच परिवहन मंत्री रहते हुए उन्होंने नौकरी के इच्छुक लोगों से रिश्वत ली थी और उन्हें सरकारी नौकरियां दिलाने का झांसा दिया था।
जून 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया था। ईडी का आरोप था कि बालाजी और उनके सहयोगियों ने नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से बड़ी रकम वसूली और बाद में उन्हें नौकरी नहीं दी। यह भी कहा गया कि इस घोटाले से हासिल हुई राशि को बालाजी ने अपने विभिन्न खातों में छिपाया, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बना।
बालाजी के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने तर्क दिया कि बालाजी के खाते में जमा हुई 1.34 करोड़ रुपये की रकम वैध स्रोतों, जैसे कि उनकी विधायक सैलरी और कृषि आय से आई थी। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि ईडी की जांच में खामियां थीं, खासकर तलाशी और सबूतों की जब्ती में, जिसमें हार्ड डिस्क के प्रकार को लेकर विसंगतियां थीं।
इसके साथ ही, बालाजी की खराब सेहत को भी जमानत का एक प्रमुख कारण बताया गया। उनके वकीलों ने कहा कि वह पिछले 13 महीनों से हिरासत में हैं और इस दौरान उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई है। उनके स्वास्थ्य और मुकदमे में हो रही अत्यधिक देरी को देखते हुए बचाव पक्ष ने दावा किया कि बालाजी PMLA की धारा 45 के तहत असाधारण परिस्थितियों में जमानत के पात्र हैं।
हालांकि, ईडी ने इस जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि बालाजी के बैंक खाते में जमा नकदी उनके वैध आय स्रोतों से नहीं जुड़ी है और यह कि उनके निवास से मिले दस्तावेज़ों में घोटाले से जुड़ी रकम का पूरा विवरण मौजूद है। ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि बालाजी अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं और गवाहों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हो रही देरी और बालाजी की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमानत का फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि मुकदमे में इस तरह की देरी और सख्त जमानत प्रावधान एक साथ लागू नहीं हो सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब आरोपी लंबे समय से हिरासत में हो और स्वास्थ्य कारणों से गंभीर स्थिति में हो, तो जमानत देना उचित है।
इस फैसले के बाद भी, बालाजी को सख्त शर्तों के साथ जमानत मिली है। यह मामला तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा महत्व रखता है, क्योंकि यह न केवल घोटाले की गूंज को दर्शाता है, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग और राजनीतिक हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को भी उजागर करता है।

Author: Payal Chakrawatri
पायल, राजस्थान टीवी के समाचार लेखक हैं, जो राज्य के ताजे और महत्वपूर्ण समाचारों को सटीक और संक्षिप्त तरीके से प्रस्तुत करते हैं। 2 वर्षों से अधिक का अनुभव है और राजनीति, समाज और स्थानीय घटनाओं पर गहरी रिपोर्टिंग करते हैं। यदि आपको किसी लेख में कोई समस्या या सुझाव हो, तो कृपया हमें RajasthantvOfficial@gmail.com पर संपर्क करें।