Rajasthan TV Banner

मुस्लिम वोटों का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणामों पर असर

सुनने के लिए क्लिक करें 👇👇👇👇

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन की बड़ी जीत का श्रेय एक ओर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मुस्लिम वोटों के विभाजन ने भी अहम भूमिका निभाई है। राज्य की 38 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से अधिक है, और इन सीटों के परिणामों पर इसका गहरा असर पड़ा। सत्तारूढ़ गठबंधन ने इन 38 सीटों में से 22 पर जीत दर्ज की, जबकि विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) केवल 13 सीटें जीत सकी।

मुस्लिम वोटों के विभाजन से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी की सीटें 2019 के 11 से घटकर अब सिर्फ पांच रह गई हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को छह सीटें मिलीं, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट को सिर्फ दो सीटों पर संतोष करना पड़ा।

38 सीटों में भाजपा ने अपनी संख्या 2019 की 11 से बढ़ाकर 14 कर ली है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने छह और अजीत पवार के एनसीपी गुट ने दो सीटें जीती हैं। शेष तीन सीटों में से दो समाजवादी पार्टी (एसपी) और एक एआईएमआईएम को मिली है।

चुनाव परिणाम इस बात का संकेत देते हैं कि मुस्लिम समुदाय की सामूहिक सोच पर धर्मगुरुओं का प्रभाव इस बार कमजोर रहा। इसका फायदा भाजपा को मिला, जिसने “वोट जिहाद” के आरोपों को जोर-शोर से उठाया।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्रबुद्धे ने विपक्ष के ध्रुवीकरण के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “हमारे ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे में सभी समुदाय शामिल हैं। लोगों ने तुष्टीकरण और ध्रुवीकरण की राजनीति को नकारते हुए विकास के लिए वोट दिया।” मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सलीम सारंग ने कहा, “तुष्टीकरण के लिए कोई जगह नहीं थी। यहां के लोग विकास और लाभ को प्राथमिकता देते हैं।”

इस बार कई बड़े मुस्लिम नेता चुनाव हार गए। इनमें एनसीपी के नवाब मलिक, कांग्रेस के आरिफ नसीम खान और शिवसेना उद्धव गुट के जिशान सिद्दीकी जैसे नाम शामिल हैं।

डाटा से पता चलता है कि मई में हुए लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय के समर्थन ने एमवीए को बड़ी जीत दिलाई थी। लेकिन विधानसभा चुनावों में कम उत्साह, वोटों का बंटवारा और कुछ सीटों पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ने एमवीए के खिलाफ काम किया। कई सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों की अधिक संख्या के कारण वोट बंट गए।

उदाहरण के तौर पर, औरंगाबाद ईस्ट में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद इम्तियाज जलील भाजपा के अतुल सावे से 2,161 वोटों से हार गए। यहां वीबीए के अफसर खान (6,507 वोट) और एसपी के अब्दुल गफ्फार सैयद (5,943 वोट) ने मुस्लिम वोटों का बंटवारा कर दिया।

एआईएमआईएम केवल मुस्लिम बहुल मालेगांव सेंट्रल सीट पर जीत सकी, जहां उसके उम्मीदवार मुफ्ती इस्माइल ने मात्र 162 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह राज्य में सबसे कम अंतर से हुई जीत है।

इसी तरह, भिवंडी वेस्ट में भाजपा के महेश चौगुले ने एसपी के रियाज आज़मी को 31,293 वोटों से हराया। यहां मुस्लिम वोट एआईएमआईएम के वारिस पठान (15,800 वोट) और निर्दलीय उम्मीदवार विलास पाटिल (31,579 वोट) के बीच बंट गए, जिससे भाजपा को फायदा हुआ।

News Desk
Author: News Desk

हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com

Leave a Comment

Read More

0
Default choosing

Did you like our plugin?

Read More