Rajasthan TV Banner

म्यांमार की नाव पर 5,500 किलो मेथ: तटरक्षक बल की सबसे बड़ी ड्रग जब्ती कैसे हुई?

सुनने के लिए क्लिक करें 👇👇👇👇

अंडमान सागर: भारतीय तटरक्षक बल ने म्यांमार के झंडे वाली एक मछली पकड़ने की नाव पर 5,500 किलो मेथामफेटामाइन और एक सैटेलाइट फोन के साथ सबसे बड़ी ड्रग जब्ती की है। यह घटना भारतीय समुद्री इतिहास में तटरक्षक बल की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।

तटरक्षक बल के डॉर्नियर विमान ने ‘सो वेई यान थू’ नाम की इस संदिग्ध नाव को अपनी टोही उड़ान के दौरान देखा। इसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं, जिसके बाद संयुक्त संचालन केंद्र (JOC) को सूचना दी गई। JOC ने तुरंत तेज गश्ती पोत आईसीजी जहाज ‘अरुणा आसफ अली’ को नाव को रोकने के लिए तैनात किया।

यह नाव भारतीय स्थानीय नावों की विशेषताओं से मेल नहीं खा रही थी और म्यांमार का झंडा लिए हुए थी। तटरक्षक बल ने इसे रविवार सुबह तक लगातार निगरानी में रखा।

24 नवंबर की सुबह 6:30 बजे, तटरक्षक बल के ‘अरुणा आसफ अली’ ने भारतीय क्षेत्रीय जल सीमा में बैरन द्वीप से आठ समुद्री मील दूर इस संदिग्ध नाव पर छापा मारा। नाव पर सवार छह लोगों की पहचान म्यांमार के नागरिकों के रूप में हुई।

तलाशी के दौरान, नाव से 5,500 किलो सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ और एक पोर्टेबल इनमारसैट सैटेलाइट फोन बरामद हुआ। सफेद क्रिस्टलीय पदार्थ को प्रतिबंधित मादक पदार्थ माना गया, जिसके चलते नाव को जब्त कर लिया गया।

इसके बाद नाव को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी श्री विजया पुरम लाया गया, जहां आगे की जांच जारी है।

यह जब्ती भारतीय तटरक्षक बल द्वारा समुद्री इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी ड्रग बरामदगी है। हाल के दिनों में अंडमान सागर में रोहिंग्या नावों और म्यांमार के मछुआरों की गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन रही है।

News Desk
Author: News Desk

हम हमेशा अपने पाठकों को सबसे ताजातरीन और सटीक समाचार प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि आपको किसी खबर या जानकारी में कोई अपडेट की आवश्यकता लगती है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम आपकी सुझाव और सुधारों को ध्यान में रखते हुए हमारी सामग्री को अपडेट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही, यदि आपके पास कोई महत्वपूर्ण समाचार या प्रेस रिलीज है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो कृपया इसे हमारे ईमेल आईडी पर भेजें: RajasthanTVofficial(at)gmail (dot)com

Leave a Comment

Read More

0
Default choosing

Did you like our plugin?

Read More