गठबंधन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए श्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “क्यों नहीं…अगर हम सभी राज्य के लोगों की स्थिति सुधारने के लिए काम कर रहे हैं, तो इससे क्या फर्क पड़ता है? हम चुनावों में प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं, लेकिन मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मुझे यकीन है कि कांग्रेस को भी नहीं होगी।”
हालांकि, 86 वर्षीय अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री पद का दावा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा… यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं। मैंने अपना काम कर लिया है। मेरी चिंता होगी कि हम कैसे एक मजबूत सरकार बना सकते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें स्वतंत्र विधायकों से समर्थन लेने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी, “मैं उनके सामने हाथ नहीं फैलाऊंगा। अगर वे राज्य को मजबूत करना चाहते हैं, तो उनका स्वागत है।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस, ‘INDIA’ गठबंधन के तहत साथ हैं। पीडीपी को भी गठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया गया था, लेकिन सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रही है।
हालांकि, एग्जिट पोल के अनुसार, कल मतगणना के बाद जम्मू-कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में पीडीपी ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकती है।
एग्जिट पोल के मुताबिक, एनसी-कांग्रेस गठबंधन सबसे ज्यादा सीटें जीत सकता है, लेकिन 90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 46 विधायकों की संख्या से कम हो सकता है। पीडीपी, जिसे 4 से 12 सीटों के बीच जीत मिलने की उम्मीद है, अहम भूमिका निभा सकती है – चाहे एनसी-कांग्रेस गठबंधन के लिए या भाजपा के लिए।
श्रीनगर के लाल चौक सीट से पीडीपी के उम्मीदवार जुहैब यूसुफ मीर ने भी एनसी-पीडीपी गठबंधन की संभावना जताई। मीर ने कहा कि पीडीपी एनसी और कांग्रेस के साथ जुड़ने के लिए तैयार है, ताकि भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सके।
उन्होंने कहा, “पीडीपी किसी भी धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी… हमने कहा है कि हम कश्मीर की पहचान बचाने के लिए कोई भी कदम उठाने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि हम भाजपा के खिलाफ सरकार बनाएं, उनके साथ नहीं।”
हालांकि, पीडीपी और एनसी के सभी नेता इस विचार से सहमत नहीं दिखते। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने कहा कि नतीजों से पहले गठबंधन की चर्चा “अनावश्यक” है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता उमर अब्दुल्ला ने भी “अटकलों पर विराम” लगाने की बात कही।
महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वरिष्ठ पीडीपी नेतृत्व चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही ‘धर्मनिरपेक्ष मोर्चे’ को समर्थन देने पर निर्णय लेगा। उन्होंने लिखा, “यह हमारा आधिकारिक रुख है।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा, “उन्होंने (पीडीपी) समर्थन नहीं दिया है, न ही समर्थन की पेशकश की है, और हमें नहीं पता कि मतदाताओं ने क्या निर्णय लिया है, इसलिए मैं चाहता हूं कि हम अगले 24 घंटों के लिए इन अटकलों पर विराम लगाएं।”
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